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Hooghly: डिप्रेशन की शिकार हो गई थीं मॉडल पूजा मुखर्जी, फिर हुगली के इस अस्पताल ने दी नई जिंदगी, सैकड़ों और युवक-युवतियों का हुआ सफल इलाज

Mankundu Mental Hospital: पूजा मुखर्जी करियर के उतार-चढ़ाव में जाने कब डिप्रेशन की शिकार हो गईं, उन्हें पता नहीं चला. बाद में समस्या बढ़ गई. उन्होंने हुगली के भदेश्वर स्थित मानकुंडू मेंटल हॉस्पिटल में अपना इलाज कराया. वह अब दोबारा से नई जिंदगी जी रही हैं.

पूजा मुखर्जी पूजा मुखर्जी
हाइलाइट्स
  • हुगली के भदेश्वर स्थित मानकुंडू मेंटल हॉस्पिटल में रोगियों का सफल इलाज

  • अनगिनत लोगों को मिल चुकी है नई जिंदगी 

मॉडलिंग जगत के कई स्याह पहलू हैं, जिसमें बहुत उत्पीड़न और पक्षपात होता है. मॉडलिंग दूर से देखने में बहुत चकाचौंध से भरपूर पेशा लगता है लेकिन सच कुछ और है. इस चकाचौंध के पीछे छिपी अंधकार के कारण चंदननगर के विख्यात अंग्रेजी माध्यम स्कूल से पढ़ी-लिखीं प्रतिभावान मॉडल पूजा मुखर्जी डिप्रेशन की शिकार हो गई थीं. लेकिन उनकी जिंदगी को दोबारा अंधकार से प्रकाश की ओर लाने का काम हुगली के भदेश्वर स्थित मानकुंडू मेंटल हॉस्पिटल ने किया. इतना ही नहीं पूजा जैसे सैकड़ों युवक-युवतियों की इस अस्पताल में सफल इलाज हो चुका है.

2022 में डिप्रेशन की हुईं थी शिकार 
पूजा मुखर्जी करियर के उतार-चढ़ाव में जाने कब डिप्रेशन की शिकार हो गईं, उन्हें पहले पता नहीं चला. बाद में समस्या बढ़ गई. भदेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन प्रलय चक्रवर्ती के मार्गदर्शन में मानकुंडू मेंटल हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने पूजा की सबसे पहले बीमारी के नब्ज को पकड़ा. पूजा ने बताया कि साल 2022 में वह डिप्रेशन की शिकार हुईं थी. तीन महीने तक लगातार इलाज के बाद वह थोड़ी-थोड़ी डिप्रेशन से बाहर निकलीं. 

वह आज भी महीने में एक बार रेगुलर चेकअप के लिए इस अस्पताल में आती हैं. पूजा ने बताया कि इस अस्पताल के कारण ही वह दोबारा से समाज के मूल स्रोत में वापस लौट पाई हैं. पूजा की इस दर्द भरी दास्तां को सुनकर अस्पताल की नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के मौके पर उपस्थित चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के सीपी अमित पी जवलगी और हुगली की डीएम मुक्ता आर्य के जैसे आंखों से आंसू छलक गए.

कई रोगियों का हो रहा इलाज 
पूजा जैसे डिप्रेशन के शिकार हुए सैकड़ों युवक-युवतियों का सफल इलाज भदेश्वर के मानकुंडू के मेंटल अस्पताल में किया गया है. अनगिनत लोगों को नई जिंदगी मिल चुकी है. कई लोगों का इलाज किया जा रहा है. आर्थिक तंगी से जूझते हुए इस अस्पताल की हालत कभी इतनी खराब थी कि एक समय अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गया था लेकिन दोबारा से इस अस्पताल को पटरी पर लाने का जिम्मा चंद्रनगर के विधायक व राज्य के मंत्री इंद्रनील सेन ने अपने कंधों पर उठाया. आज यहां कई रोगियों का सफल इलाज हो रहा है.

मरीजों को हमारे प्यार और दुलार की जरूरत
इस अस्पताल के जिर्णोद्धार में मुख्य भूमिका निभाने वाले बंगाल के मंत्री व स्थानीय विधायक इंद्रनील सेन ने बताया कि मानसिक रोगों से ग्रसित मरीजों को हमारे प्यार और दुलार की जरूरत है. किसी भी मानसिक अस्पताल को पागलखाने के नाम से बुलाने पर शक की एतराज जताते हुए उन्होंने इस मेंटल अस्पताल का नया नाम आनंद आश्रम भी रखा. 

उन्होंने बताया कि विख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन, हवाई जहाज का आविष्कार करने वाले राइट बंधुओं, विख्यात कवि रवींद्रनाथ ठाकुर और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक समय आलोचकों ने पागल कहा था. क्योंकि जब यह महापुरुष वैज्ञानिक या महान व्यक्तिसमाज को विकास और प्रगति के पद पर आगे ले जाने के लिए नई विचारधारा और सोच का चिंतन करते हैं तो जिन लोगों के गले से उनकी यह सोच नहीं उतरती. वे उन्हें पागल करार देते हैं. लेकिन आगे चलकर उन आलोचकों का मुंह बंद हो जाती है. 

(भोलानाथ साहा की रिपोर्ट)