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Pegasus Snooping Case: सुप्रीम कोर्ट ने बैठाई जांच, कहा- विवेकहीन जासूसी मंजूर नहीं

पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला द‍िया है. कोर्ट ने कहा है क‍ि इस मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी से कराई जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि मामले से जुड़ी सभी रिपोर्ट को 2 महीने के अंदर पेश किया जाए.

पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बैठक पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बैठक
हाइलाइट्स
  • पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

  • दो महीने के अंदर रिपोर्ट मांगी गई

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी मामले की जांच करके 8 हफ्ते में रिपोर्ट देगी. एक्सपर्ट कमेटी में साइबर सुरक्षा, फारेंसिक एक्सपर्ट, आईटी और तकनीकी विशेषज्ञ होंगे. एक्सपर्ट कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन करेंगे. इस मामले में कोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली तीन जज की बेंच ने कहा कि विवेकहीन जासूसी मंजूर नहीं है.

राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा 

कोर्ट के इस फैसले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर ले लिया है. राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हमारी बात पर मुहर लगी है. राहुल गांधी ने कहा, ''हमारे तीन सवाल थे- पेगासस को खरीदने की इजाजत किसने दी. क्योंकि केवल सरकार ही इसे खरीद सकती है. किनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया? जजों से लेकर बीजेपी, विपक्ष के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का नाम आया था. क्या किसी और देश के पास डाटा जा रहा था? कोई जवाब नहीं दिया गया. यह हमारे देश पर आक्रमण है. लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है. सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है वह एक बड़ा कदम है. हमें उम्मीद है कि सच्चाई पता चलेगी.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर

पेगासस को इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है. मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब की सरकार तक पर इसके इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाए जा चुके हैं. व्हाट्सऐप के स्वामित्व वाली कंपनी फ़ेसबुक के अलावा कई दूसरी कंपनियों ने इस पर मुकदमे किए हैं. भारत में इसके जरिए कई पत्रकारों और चर्चित हस्तियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है.