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Sex Workers पर Supreme Court के फैसले के बाद भारत में क्या बदलेगा, जानिए

Supreme Court ने कहा कि अगर स्वेच्छा से किया जाए तो सेक्स वर्क यानी वेश्यावृत्ति भी एक पेशा है. कोर्ट ने पुलिस से खास हिदायत देते हुए कहा कि अगर यह क्लियर हो जाए कि यौनकर्मी बालिग हैं और अपनी मर्जी से सेक्स कर रहे हैं तो उन्हें किसी भी तरह से परेशान न किया जाए.

Supreme Court Supreme Court
हाइलाइट्स
  • भारत में वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है

  • सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को माना प्रोफेशन

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेक्स वर्क को प्रोफेशन माना है और कहा है कि स्वेच्छा से अगर कोई इस प्रोफेशन को अपनाता है तो यह गैरकानूनी नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को हिदायत दी और कहा कि सेक्स वर्कर्स के साथ वो सम्मानजनक व्यवहार करें. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या भारत को अपने कानूनों में संशोधन करना चाहिए ताकि देश भर में यौनकर्मियों के साथ होने वाले अपमान और उत्पीड़न पर रोक लगाया जा सके.

क्या कहता है कानून

भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी के अनुसार वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसे अगर एक दायरे में रह कर किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं. जैसे कि अगर कोई पब्लिक प्लेस में सेक्स वर्क करता है या होटल में वेश्यावृत्ति करते हुए पाया जाता है तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा. इसके साथ ही कोई अगर सेक्स वर्कर को बुलाकर या कोई सेक्स वर्कर कस्टमर को बुलाकर सेक्स करती है तो भी इसे अवैध माना जाएगा और ऐसे में दंड का प्रावधान है. 

अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1986 मूल अधिनियम का एक संशोधन है. इस अधिनियम के अनुसार, वेश्याओं को गिरफ्तार किया जाएगा अगर वो वेश्यावृत्ति के लिए किसी को बाध्य करती है या बहकाते हुए पाई जाती है. इसको ऐसे समझिए कि सेक्स के लिए किसी को रिझाना या आकर्षित करना अपराध माना गया है. और ऐसे में गिरफ्तारी का प्रावधान है. इसके अलावा कॉल गर्ल को अपना फोन नंबर सार्वजनिक करने की भी मनाही है. ऐसा करते पाए जाने पर 6 महीने की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी हो सकता है.

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23 में मानव तस्करी और जबरन काम करवाने को निषेध बताया गया है.

मानव तस्करी, बेगार और इसी तरह के अन्य प्रकार के जबरन काम करवाने पर रोक है. इस प्रावधान का कोई भी उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा.

भारत में क्या है स्थिति

हमारे देश में वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है, लेकिन याचना और खुले में वेश्यावृत्ति अवैध है. वेश्यालय (चकलाघर) चलाना भी कानून के खिलाफ है. लेकिन जीबी रोड जैसी जगहें हैं जहां इन कानूनों को शायद ही कभी लागू किया जाता है.

अन्य देशों में क्या है नियम

कुछ देशों में वेश्यावृत्ति पूरी तरह से अवैध माना गया है. जबकि कुछ देश ऐसे हैं जहां कानूनी रूप से वेश्यावृत्ति को लीगल माना गया है और सेक्स वर्कर्स को स्वास्थ्य और सामाजिक लाभ भी दिए गए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि वो कौन से देश हैं जहां सेक्स वर्क को लीगल माना गया है.

1. न्यूजीलैंड- न्यूजीलैंड में वेश्यावृत्ति 2003 से ही लीगल है और यहां सरकार से मान्यताप्राप्त वेश्यालय भी है. यहां के सेक्स वर्कर्स को सभी तरह के लाभ दिए जाते हैं.

2. फ्रांस- फ्रांस में भी वेश्यावृत्ति लीगल है. हालांकि सार्वजनिक रूप से करने की अभी भी अनुमति नहीं है. 

3. जर्मनी- जर्मनी में वेश्यावृत्ति लीगल है और राज्य के द्वारा संचालित वेश्यालय हैं. यहां के सेक्स वर्कर्स का स्वास्थ्य बीमा किया गया है और पेंशन समेत सभी तरह के लाभ दिए जाते हैं. 

4. ग्रीस- ग्रीस में सेक्स वर्कर्स को आम आदमी की तरह ही सारे अधिकार मिले हुए हैं और प्रॉपर रूप से उन्हें अपना हेल्थ चेकअप करवाते रहना होता है. 

5. कनाडा- कनाडा में वेश्यावृत्ति है तो लीगल लेकिन इसके साथ कई सख्त नियम भी लगाए गए हैं.

भारत में क्या बदलाव आएगा 

  •  सेक्स वर्कर्स को कानून के सभी अधिकार मिलेंगे.
  • जब कोई सेक्स वर्कर्स आपराधिक/यौन/किसी अन्य प्रकार के अपराध की शिकायत करता है, तो पुलिस इसे गंभीरता से लेगी और कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी.
  • चूंकि वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है ऐसे में जब भी किसी वेश्यालय पर पुलिस छापा मारेगी तो होना ये चाहिए कि सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार या दंडित या परेशान नहीं किया जाए.
  • कोई भी सेक्स वर्कर जो यौन उत्पीड़न का शिकार है, उसे तत्काल मेडिकल फैसिलिटी दी जानी चाहिए.
  • पुलिस को सभी सेक्स वर्कर्स के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए और और किसी भी तरह से दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए.

(कनु सारदा की रिपोर्ट)