scorecardresearch

जज्बे को सलाम...हादसे में गंवा दिए दोनों हाथ, तैराकी सीख जीते कई मेडल; अब इंटरनेशनल पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने का सपना

रतलाम के अब्दुल ने 6 साल की उम्र में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे. ऐसी हालत में टूटने की बजाय अब्दुल ने तैराकी सीखने की ठानी और तैराकी सीखकर कई मेडल अपने नाम किए. अब अब्दुल का सपना इंटरनेशनल पैरालिंपिक में गोल्ड जीतकर अपने देश का नाम रोशन करने का है.

अब्दुल अब्दुल
हाइलाइट्स
  • बुलंद हौसले के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा दिव्यांग अब्दुल

  • 6 साल की उम्र में अब्दुल ने गंवा दिए थे दोनों हाथ

6 साल की उम्र में एक बच्चे के साथ बड़ा हादसा होता है और उसके दोनों हाथ चले जाते हैं. कोई यह सोच सकता है कि किसी के सहारे बच्चे की जिंदगी गुजर रही होगी. लेकिन, उस हादसे के बाद बच्चा टूटा नहीं और अपने हौसले के दम पर इतिहास रचने के लिए आगे बढ़ गया. बच्चे की उम्र अब 13 साल है और उसने स्वीमिंग में कई मेडल अपने नाम किए हैं. अब्दुल का सपना अब इंटरनेशनल पैरा ओलंपिक में गोल्ड जीतने का है. अब्दुल के पास हौसला ही है जिसके दम पर वह अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है.

7 साल पहले हुआ था हादसा
रतलाम का रहने वाला अब्दुल 2014 में अपनी नानी के घर गया हुआ था. खेलने के दौरान हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया और उसे अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े. इस हादसे के बाद उसने अपने पिता से कहा कि वह स्वीमिंग सीखना चाहता है. परिवार वाले आश्चर्य कर रहे थे. लेकिन, बेटे की जिद पर उसे स्वीमिंग के लिए ट्रेनिंग शुरू कराई. परिवार वालों ने लगातार प्रोत्साहित किया.

स्वीमिंग में जीते कई मेडल
दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद अब्दुल ने स्वीमिंग सीखने के लिए खूब मेहनत की और देखते ही देखते उसने स्वीमिंग सीख ली. दोनों हाथ गंवाने के बाद अब्दुल ने नई जिंदगी शुरू की और स्वीमिंग में एक के बाद एक कई मेडल जीते. राजस्थान में हुई पैरा ओलंपिक में अब्दुल ने 2 गोल्ड और एक सिल्वर जीते.

अब देश के लिए गोल्ड जीतने का सपना
परिजन बताते हैं कि हादसे के बाद अब्दुल को इलेक्ट्रॉनिक हाथ लगाने के लिए 13.20 लाख स्वीकृत हुए थे. इलेक्ट्रॉनिक हाथ तो लगवा दिए लेकिन वह भी 15% ही काम करता है. वह सिर्फ पैरों की बदौलत ही पानी में तैरता है. अब्दुल की उम्र अभी 13 साल ही है और इसलिए अभी वह इंटरनेशनल पैरा ओलंपिक में भाग नहीं ले सकता. लेकिन, परिजनों और रतलाम के लोगों को उम्मीद है कि वह गोल्ड जीतकर प्रदेश के साथ-साथ देश का भी नाम रौशन करेगा.