अगर आप ताजमहल देखने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, मुगल बादशाह शाहजहां के 368वें पुण्यतिथि के खास मौके पर 17 से 19 फरवरी के बीच ताजमहल में एंट्री फ्री कर दी गई है. इस अवसर पर टूरिस्ट शाहजहां और मुमताज की कब्रों को भी देख सकते हैं, जहां आम दिनों में जाने की अनुमति नहीं होती है.
अगर आप 17 से 19 के बीच कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं या फिर आगरा जा रहे हैं, तो ये खास दिनों में आपको कुछ अलग ही अनुभव करने को मिलेगा. दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए ये तीन दिन ट्रिप के रूप में साबित हो सकते हैं. यहां आप दोस्त और परिवार के साथ सुबह जाकर रात में घर आ भी सकते हैं.
असली कब्रों को खोला जाता है
शाहजहां का उर्स हिजरी कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है. इस बार यह तिथियां 17 से 19 फरवरी तक पड़ रही हैं. वर्ष में केवल एक बार उर्स के दौरान ही ताजमहल के तहखाना में स्थित शाहजहां व मुमताज की असली कब्रों को खोला जाता है. शाहजहां के उर्स में तीसरे दिन होने वाली चादरपोशी आकर्षण का केंद्र रहती है.
1,450 मीटर लंबी चादर मकबरे पर चढ़ाई जाएगी
खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि चादरपोशी के लिए लोग चादरें लेकर आ रहे हैं. काफी कपड़ा एकत्र हो गया है. 17 फरवरी को दोपहर 2 बजे 'ग़ुस्ल' (विभिन्न अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के प्रदर्शन से पहले पूरे शरीर की शुद्धि की प्रक्रिया) की रस्म शुरू होगी. 8 फरवरी को 'संदल' और 'मिलाद शरीफ' की रस्में मनाई जाएंगी. 19 फरवरी को सुबह से शाम तक 'कुल' (कुरान के चार मूलभूत अध्यायों का पाठ करना) और 'चादर पोशी' (चादर चढ़ाना) की रस्में मनाई जाएंगी. इस साल उर्स के मौके पर 1,450 मीटर लंबी चादर शाहजहां के मकबरे पर चढ़ाई जाएगी. बाद में प्रांगण में लंगर भी परोसा जाएगा.
इन चीजों को लेकर नहीं जा सकते
ताज महल के अंदर सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला, किसी तरह का झंडा, बैनर या पोस्टर ले जाने की अनुमति नहीं होगी. किताबें, स्क्रूडाइवर, लाइटर और चाकू जैसी चीजें ले जाना भी मना है.