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Delhi Bike Taxi: दिल्ली में गली-गली पोस्टर लगा रहे हैं बाइक टैक्सी राइडर, अनोखे तरीके से जनता से मांग रहे हैं समर्थन

दिल्ली में बाइक टैक्सी बंद कर दी गई है. बाइक टैक्सी राइडर्स इसको लेकर अनोखे तरीके से जनता से समर्थन मांग रहे हैं. वो जगह-जगह पोस्टर लगा रहे हैं. जिसपर एक क्यूआर कोड दिया गया है. जिसे स्कैन करके बाइक राइडर्स को अपना समर्थन दिया जा सकता है.

दिल्ली में बाइक टैक्सी राइडर्स जनता से समर्थन के लिए पोस्टर लगा रहे हैं दिल्ली में बाइक टैक्सी राइडर्स जनता से समर्थन के लिए पोस्टर लगा रहे हैं

जब से दिल्ली में  बाइक टैक्सी बैन की गई है. बाइक राइडर्स के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. लेकिन फिर भी  बाइक टैक्सी राइडर्स अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. बाइक टैक्सी राइडर्स का कहना है कि दिल्ली सरकार एक ऐसा मसौदा लेकर आ रही है, जिसमें सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक को ही टैक्सी के रूप में चलाने की परमिशन मिलेगी. ऐसे में हम सबके सामने त्योहार से ठीक पहले बड़ा संकट खड़ा हो गया है. बाइक टैक्सी राइडर्स अब गली-गली में पोस्टर लगाकर दिल्लीवालों का समर्थन मांग रहे हैं.

टैक्सी राइडर्स जनता से मांग रहे समर्थन-
अब बाइक टैक्सी राइडर्स ने आम जनता का समर्थन जुटाना शुरू किया है. इनका कहना है की बाइक टैक्सी से सिर्फ हम राइडर्स का ही फायदा नहीं होता था, बल्कि बहुत सारे लोग जिन्हें अकेले सफर करना होता था, वो भी कार की जगह बाइक टैक्सी का इस्तेमाल करते थे, जिससे उनके पैसे भी बचते थे. बाइक टैक्सी राइडर्स हाथ में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ये पोस्टर्स को जगह-जगह चिपका रहे हैं. इस पोस्टर में एक क्यूआर कोड दिया गया है. इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही आप सीधे अपने मेल बॉक्स में पहुंच जाते हैं, जहां पर आपको पहले से ही लिखा हुआ एक मेल दिखाई पड़ता है. इस मेल में आप बाइक राइडर्स के सपोर्ट में अपना समर्थन देते हैं. सेंड पर क्लिक करते ही मेल सीधे दिल्ली सरकार को पहुंच जाता है. बाइक राइडर्स का कहना है कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि जनता भी थोड़ी मेहनत करें.

बाइक राइडर्स ने बताई अपनी मजबूरी-
दिल्ली में करीब 1 लाख बाइक टैक्सी राइडर हैं. दिल्ली सरकार ने बाइक टैक्सी को बैन कर दिया था. हालांकि सरकार ने कहा था कि वो बाइक टैक्सी राइडर्स को नियमित करने के लिए कानून लेकर आएंगे. हालांकि अब बाइक टैक्सी राइडर्स का कहना है कि कानून में ये प्रावधान है कि सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक ही चल सकती है. बाइक टैक्सी राइडर आरेंदर का कहना है कि हम लोगों ने जब बाइक टैक्सी का काम शुरू किया, तब नई बाइक खरीदी थी. उसकी किस्त अभी भी जा रही है. काम पहले से ही बंद है, ऐसे में पुरानी बाइक की किस्त तक भरना मुश्किल हो गया है. हम भला इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने के लिए और पैसे कहां से लाएंगे?

'इलेक्ट्रिक बाइक को चार्ज करने की आएगी समस्या'-
असलम अली भी कोरोना के बाद से बाइक टैक्सी राइडर्स का काम कर रहे हैं. असलम अली कहते हैं कि इलेक्ट्रिक बाइक के जरिए काम की रफ्तार बहुत धीमी हो जाएगी. मान लीजिए हम दिल्ली में हैं और हमें गुड़गांव ड्रॉप करने के लिए जाना है, ऐसे में गुड़गांव से आने जाने में ही बैट्री शायद खत्म हो जाएगी. एक बार चार्ज करने में भी दो से ढाई घंटे का वक्त लगेगा, ऐसे में हमारी कमाई पर बहुत असर पड़ेगा. हो सकता है कि कमाई आधी हो जाए.

'इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने के लिए वक्त दे सरकार'-
हर्षवर्धन नाम के बाइक टैक्सी राइडर कहते हैं कि कोरोना के बाद यही इकलौता रोजगार का साधन था. फिलहाल वह भी हमसे छीन गया है. अगर यह पूरी तरह से बंद हो जाएगा तो हमारे घर परिवार को कौन चलाएगा? बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे? विनोद यादव नाम के बाइक टैक्सी राइडर कहते हैं कि हम समझते हैं कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है . हमें इलेक्ट्रिक बाइक से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सरकार को चाहिए कि वह हमें जरूरी सब्सिडी और समय दें, जिससे हम इलेक्ट्रिक बाइक खरीद सकें. अचानक इस फैसले को हम पर ना थोपा जाए.

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