scorecardresearch

जज्बे को सलाम! पर्यावरण के लिए 120 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले शिक्षक, स्वच्छता का दिया संदेश

पर्यावरण सुरक्षा और ग्लोबल वार्मिंग के साथ स्वच्छता संदेश को जन जागरण बनाकर शैलेन्द्र और उनके सहयोगियों ने मऊ के तमसा घाट से वाराणसी के अस्सी घाट तक की 120 किलोमीटर की जन जागरण यात्रा पर निकाली हैं.

शैलेन्द्र शैलेन्द्र
हाइलाइट्स
  • स्वच्छता संदेश देने के लिए शुरू की पदयात्रा

  • नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर भी कर रहे हैं काम

पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर सरकार लगातार लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं कुछ लोग भी स्वच्छता अभियान को लेकर खास ध्यान दे रहे हैं. हम बात कर रहे हैं, सामाजिक शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत शैलेन्द्र की, जिन्होंने स्वच्छता का संदेश देने के लिए 120 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली है. 

स्वच्छता संदेश देने के लिए शुरू की पदयात्रा
पर्यावरण सुरक्षा और ग्लोबल वार्मिंग के साथ स्वच्छता संदेश को जन जागरण बनाकर शैलेन्द्र और उनके सहयोगियों ने मऊ के तमसा घाट से वाराणसी के अस्सी घाट तक की 120 किलोमीटर की जन जागरण यात्रा पर निकाली हैं. स्वच्छता के प्रति गम्भीर और प्रदूषित पर्यावरण के लिए चिंतित ये समाजसेवी आज बुधवार 1 जून को अपनी यात्रा के दूसरे दिन गाज़ीपुर पहुँचे है. ये लोग पर्यावरण जागरूकता और स्वच्छता का संदेश देते हुए वाराणसी की तरफ बढ़ रहे हैं. 

नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर भी कर रहे हैं काम
इस पैदल दल की अगुवाई कर रहे शैलेन्द्र सिंह बताते हैं कि, "नमामि गंगे प्रोजेक्ट से भी हम जुड़े हुए हैं. प्रधानमंत्री जी के 5 सितंबर 2020 के मन की बात कार्यक्रम में उनकी पर्यावरण पर उनकी राय सुनकर हम काफी प्रभावित हैं, हम लोगों ने नमामि गंगे का गहन अध्ययन भी किया है. गंगा को निर्मल अविरल बनाने की ये मुहिम तब तक सफल नहीं हो सकती, जब तक गंगा में मिलने वाली जो सहायक नदियां हैं वो स्वच्छ न हो जाएं. 

गंगा साफ करने के लिए सहायक नदियों को साफ करना जरूरी
उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम ने विवाह के बाद मऊ के दोहरीघाट पर तमसा नदी के किनारे ही पहली रात गुजारी थी. जो बक्सर में जाकर गंगा से मिलती है. वो भी काफी प्रदूषित हो चुकी है. ऐसे में जब तक गंगा से मिलने वाली सहायक नदियां साफ नहीं की जाएगी तब तक गंगा को पूरी तरह साफ नहीं किया जा सकेगा और नमामि गंगे मिशन अधूरा रह जाएगा. शैलेन्द्र ने बताया कि वो जीवन भर इस मुहिम को साथियों के साथ चलाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोग गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में इस अभियान को और तेज़ करते हैं और इसमें बच्चों और युवाओं को जोड़ते है क्योंकि वही भविष्य हैं. फिलहाल इस अभियान में उन्हें जगह-जगह जन समर्थन भी खूब मिल रहा है.


(गाजीपुर से विनय कुमार की रिपोर्ट)