डॉक्टर को हमारे देश में भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि वे बीमारी को मरीज से दूर करके उसकी जान बचा लेते हैं. हालांकि, इस बार कुछ डॉक्टरों ने सिर्फ मरीज नहीं बल्कि हर समाज की हर एक बीमारी से लड़कर इन्हें दूर करने की ठानी है. तेलंगाना में इस बार एक या दो नहीं बल्कि 15 डॉक्टरों ने चुनाव लड़ा ताकि वे स्वास्थ्य क्षेत्र के मुद्दों को चर्चा में लाकर हल कर पाएं.
अब तक अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने से वाले ये 15 डॉक्टर अब नागरिक के मुद्दों पर लड़ाई लड़ने के लिए विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं. इस बार तीन हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विधायक बने हैं. डॉ पलवई हरीश बाबू (भाजपा) सिरपुर में जीते और एक आर्थोपेडिक सर्जन हैं. एक अन्य सर्जन, डॉ. टेलम वेंकट राव (बीआरएस) भद्राचलम से चुने गए. निज़ामाबाद ग्रामीण क्षेत्र से जीतने वाले डॉ. आर भूपति रेड्डी (कांग्रेस) भी एक प्रसिद्ध आर्थोपेडिक डॉक्टर हैं.
ये डॉक्टर हैं शामिल
जीतने वाले जनरल सर्जनों में डॉ. राम चंदर नाइक (दोर्नाकल), डॉ. वामशी कृष्णा (अचामपेट), डॉ. मुरली नाइक (महबूबाबाद), डॉ. के. सत्यनारायण (मानकोंडुरु) शामिल हैं - ये सभी कांग्रेस से हैं. मेडक जिले से निर्वाचित डॉ. मयनामपल्ली रोहित ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. कांग्रेस के डॉ. विवेक वेंकटस्वामी ने चेन्नूर से जीत हासिल की.
जनरल फिजिशियन डॉ. पर्णिका रेड्डी (कांग्रेस) नारायणपेट का प्रतिनिधित्व करेंगी और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पी. संजीव रेड्डी (कांग्रेस) नारायणखेड़ का प्रतिनिधित्व करेंगे. न्यूरोसर्जन डॉ. कल्वाकुंटला संजय कोरुटला विधानसभा क्षेत्र से चुने गए. जीतने वाले अन्य विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों में शामिल हैं, डॉ एम संजय कुमार जो एक नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं (बीआरएस-जगतियाल), एम रागमयी, पल्मोनोलॉजिस्ट (कांग्रेस-सत्तुपल्ली), डॉ कुचुकुल्ला राजेश रेड्डी, डेंटल सर्जन (कांग्रेस-नगरकुर्नूल) हैं.
जल्द ही, ये विधायक तीसरी तेलंगाना विधान सभा में कदम रखेंगे. हालांकि, अब इस पर सस्पेंस बना हुआ है कि इनमें से भविष्य में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री कौन होगा. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अब स्वास्थ्य मंत्रालय किसी हेल्थ एक्सपर्ट के हाथ में ही होगा और उम्मीद है कि हेल्थ सेक्टर में जो कमियां हैं, उन्हें अब दूर किया जाए.