मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कोंडागट्टू अंजनेय स्वामी मंदिर को विकसित करने और भक्तों की सुविधा के लिए जीर्णोद्धार करने हेतु पांच सौ करोड़ रूपए आवंटित करने का निर्णय लिया है. पहले इसके लिए सौ करोड़ रूपए बजट में आवंटित किया गया था. इस प्रकार मंदिर निर्माण के लिए कुल आवंटन 600 करोड़ रूपए हो गया है.
सीएम केसीआर बुधवार सुबह अंजनेय स्वामी मंदिर पहुंचे. मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उन्होने मंदिर से जुड़ी परियोजना का जायजा लिया और विस्तृत समीक्षा बैठक की. उन्होने अधिकारियों को कोंडागट्टू अंजना मंदिर बनाने का आदेश दिया. उन्होने कहा कि सरकार इस योजना पर एक हजार करोड़ की राशि तक खर्च करने हेतु तैयार है.
बनेगा वैदिक विद्यालय भी
सीएम केसीआर ने बुधवार को कोंडागट्टू अंजना स्वामी मंदिर में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य और अभयारण्य वाले कोंडागट्टू मंदिर को बनाने और देश भर के हनुमान भक्तों के दर्शन के लिए उपयुक्त सुविधा प्रदान करने हेतु निर्माण कराने पर विमर्श किया गया. उन्होने अधिकारियों को अंजनाद्री के नाम से एक वैदिक विद्यालय बनाने और इसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन करने की सलाह दी.
दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों को मंदिर निर्माण के संबंध में पर्याप्त उपाय करने के निर्देश दिए. मुख्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि मंदिर निर्माण कार्य के पूरा होने तक वे कई बार इसकी समीक्षा करेंगे. इस समीक्षा बैठक में मंत्री कोप्पुला ईश्वर, इंद्रकरन रेड्डी, गंगुला कमलाकर, सांसद दिवाकोंडा दामोदर राव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष विनोद कुमार, स्थानीय विधायक सुनके रविशंकर सहित विधायक रासमाई बालकिशन, बालका सुमन, जीवन रेड्डी और मुख्यमंत्री की सचिव स्मिता सभरवाल उपस्थित थे.
वैष्णव परंपरा के अनुसार होगा मंदिर पुनर्निर्माण
समीक्षा बैठक में सीएम केसीआर ने मंदिर के विस्तार के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन और लोकेशन मैप से जुड़े मामलों का गहन निरीक्षण किया. उन्होने अधिकारियों से कहा कि मंदिर पुनर्निर्माण वैष्णव परंपरा के अनुसार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि फंड की कोई कमी नहीं है और वह 1000 करोड़ रुपये आवंटित करने को तैयार हैं.
केसीआर ने स्पष्ट किया है कि यादगिरि गुट्टा मंदिर के निर्माण के दौरान किए गए विस्तृत निरीक्षण और व्यापक स्तर की बैठकों की तरह ही अंजना मंदिर के पुनर्निर्माण और विकास कार्य भी किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने शास्त्र आधारित नियमों का पालन करते हुए गर्भगृह को छोड़कर मंदिर का विस्तार करने का आदेश दिया.
विशाल स्तर पर निर्माण की योजना
सीएम ने कहा कि वास्तु के नियमों के अनुसार कहां निर्माण करना चाहिए, यह तय करना चाहिए. हर साल लाखों लोग दीक्षा लेते हैं, मुख्यमंत्री ने उनके लिए सभी सुविधाओं के साथ व्यवस्था करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि मंगलवार, शनिवार, हनुमान जयंती और अन्य त्योहारों के समय श्रद्धालुओं की भीड़ का सामना करने के लिए निर्माण किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री केसीआर ने एक बड़े मुख्य द्वार के निर्माण करने का सुझाव दिया ताकि चाहे कितने भी भक्त आएं तो उन्हें कोई समस्या न हो. उन्होने कालेश्वरम के पानी को पाइप के माध्यम से कोंडादत्त तक ले जाने और श्रद्धालुओं की जरूरतों के लिए आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
साथ ही, मुख्यमंत्री ने विद्युत सब-स्टेशन, अस्पताल, बस स्टैंड, पार्किंग स्थल, सड़क निर्माण, पानी की टंकियां, जलापूर्ति, कॉटेज निर्माण, दीक्षा मंडप, थाना आदि सुविधाओं का निर्माण करने का आदेश दिया. उन्होंने आनंद साय को इस निर्माण के लिए मूर्तिकार उपलब्ध कराने की सलाह दी.
निर्माण के काम में लगेंगे 3 साल
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मंदिर के निर्माण को पूरा होने में कम से कम तीन साल लगेंगे. उन्होने टीले के आसपास के तालाबों के बारे में जानकारी ली. टीले पर कुटीर निर्माण के लिए दानदाताओं को आमंत्रित किया जाएगा. मंत्री गंगुला कमलाकर ने कहा कि चूंकि सफेद ग्रेनाइट से कॉटेज का निर्माण हो चुका है और उसका विस्तार किया जा रहा है, इसलिए इसे फिर से बनाया जाएगा. उन्होंने इसके लिए उपयुक्त स्थान आवंटित करने को कहा.
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारी भूपाल रेड्डी को सुझाव दिया कि कोंडागट्टू अंजना अभयारण्य क्षेत्र को मैसूर-ऊटी रोड पर नीलगिरी पहाड़ियों में बांदीपुर अभयारण्य में बदल दिया जाना चाहिए. अधिकारियों को सलाह दी गई कि यहां देश भर के सभी मंदिरों की स्थल पुराणम पुस्तकें उपलब्ध हों. मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक मनोहर राव को आध्यात्मिक पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी प्रबंध करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर जीर्णोद्धार का काम श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए यहां आने वाले वीवीआईपी के लिए यदागिरिगुट्टा मॉडल प्रेसिडेंशियल सुइट, वीवीआईपी सूट का निर्माण किया जाना चाहिए.
(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)