भारतीय बाजार में उपयुक्त और किफायती उपकरणों की कमी के कारण किसानों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी को समझते हुए पार्कल के 42 वर्षीय जमीनी इनोवेटर और उद्यमी कदवेंडी महिपाल चारी किसानों के लिए मिनी-कल्टीवेटर, मिनी-ट्रैक्टर, पावर वीडर और हाइड्रोलिक लिफ्ट जैसे नवाचार करके समाधान दे रहे हैं.
बाइक मैकेनिक का किया काम
चारी ने टीएनआईए को बताते हुए कहा कि वह अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं दे सके और बाइक मैकेनिक का काम करते थे. बाद में, वह अपने गांव लौट आए और खेती करने लगे. उन्होंने लोगों के ट्रैक्टरों की मरम्मत शुरू की और इसमें कुशल हो गए. 2011 में, उन्होंने मिनी कल्टीवेटर डिजाइन करना शुरू किया.
इनोवेटर ने खुलासा किया कि उनका पहला प्रयास असफल रहा था. लेकिन चारी अब लगातार कल्टीवेटर का निर्माण कर रहे हैं. उनकी कंपनी – वरुण इंजीनियरिंग वर्क्स – में 12 कर्मचारी हैं और अब तक लगभग 4,000 कल्टीवेटर बेच चुके हैं.
किसानों की जरूरत के हिसाब से बनाते हैं उपकरण
चारी कहते हैं कि उनके 22-इंच के कल्टीवेटर में 4 hp का इंजन है जो किसानों को उन जगहों पर मदद करता है जहां फसलें 22 इंच से अधिक की दूरी पर लगाई जाती हैं. किसानों की मांग पर, चारी ने 5 hp इंजन वाला एक वर्जन बनाया, जिसका उपयोग फलों के बगीचों और अन्य सूखे खेतों में हल्की जुताई के लिए किया जा सकता है.
औसतन, एक किसान तीन घंटे में एक लीटर डीजल से 2-3 एकड़ जमीन की जुताई कर सकता है. मशीन की कीमत सिर्फ 50,000 रुपये है जबकि इसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य मशीनों की कीमत कम से कम 1 लाख रुपये है. चारी के अन्य उफकरणों में एक पावर वीडर और एक मिनी-ट्रैक्टर शामिल है. चारी को उनके नवाचारों के लिए 2015 में राष्ट्रपति पुरस्कार और 2018 में राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.