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प्रशांत किशोर की मदद लेने की तैयारी में TRS, तेलंगाना चुनाव को लेकर खास रणनीति पर चल रही है बातचीत

टीआरएस राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर रही है. यहां तक ​​कि  टीआरएस के कुछ नेता पिछले हफ्ते राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में 16 विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल हुए थे.

प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर
हाइलाइट्स
  • 2023 के विधान सभा चुनाव में टीआरएस कर सकती है प्रशांत किशोर से डील

  • पार्टी कर रही प्रशांत किशोर के साथ मीटिंग

तेलंगाना में अगला विधानसभा चुनाव 2023 को होने वाला है, और अभी से ही टीआरएस भाजपा के खिलाफ कमर कसने को तैयार है.  ये माना जा रहा है कि इन चुनाव में टीआरएस राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेगा. इसके लिए टीआरएस  ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) के साथ मिलकर प्रशांत किशोर से बात भी की है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि, "अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आने वाले चुनावों में  पार्टी इस महीने आई-पीएसी के साथ चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगी. "

राज्य के साथ केन्द्र में भी भाजपा के खिलाफ तैयार हो रहा टीआरएस 
टीआरएस राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर रही है. यहां तक ​​कि  टीआरएस के कुछ नेता पिछले हफ्ते राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में 16 विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल हुए थे. टीआरएस अध्यक्ष और  मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों का खुला विरोध करते आए हैं.  चंद्रशेखर राव ने  कृषि कानूनों और बिजली क्षेत्र में सुधार को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था. टीआरएस संसदीय दल के नेता के केशव राव ने कहा कि टीआरएस आने वाले दिनों में दूसरे विपक्षी दलों के साथ-साथ  एनडीए सरकार के खिलाफ लड़ाई में एक दूसरे का साथ देगी. 


प्रशांत किशोर के साथ टीआरएस ने की थी बैठक

राजनीतिक विश्लेषक और उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के नागेश्वर ने कहा कि  किशोर की टीम के साथ टीआरएस की बैठक काफी अहम मानी जा रही है, हो सकता है कि   तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस लड़ाई में  टीआरएस के साथ आएं.  नागेश्वर ने आगे कहा कि, केसीआर का एकमात्र हित केंद्र में कोई भूमिका निभाने के बजाय तेलंगाना में सत्ता की रक्षा करना होगा. उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर को पॉलिटिक्स की बेहतर समझ है. वे राज्य के हालातों का पूरी तरह से जायजा लेने के बाद ही कोई सुझाव देंगे. 

आंध्रप्रदेश में वाईएस शर्मिला की पार्टी बनवाने में प्रशांत किशोर ने की थी मदद

प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में 2019 के विधानसभा चुनाव वाईएसआर कांग्रेस को जीत दिलाने में खास भूमिका निभाई थी. अभी भी दोनों के बीच अच्छे संबध हैं. प्रशांत किशोर ने बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल और हाल ही में तमिलनाडु में सरकार बनाने में भी प्रमुख भूमिका निभाई. दिलचस्प बात यह है कि किशोर ने शुरुआत में जगन की बहन वाईएस शर्मिला को इसी साल जुलाई में वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के नाम से तेलंगाना में एक क्षेत्रीय पार्टी शुरू करने में मदद की थी. उनकी टीम के सदस्यों ने 20 अक्टूबर को शुरू हुई उनकी मैराथन पदयात्रा (पैर मार्च) के लिए एक रूट मैप तैयार करने में भी उनकी मदद की थी.  हालांकि, 10 नवंबर को एमएलसी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद पदयात्रा रोक दी गई थी.