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Tenant police verification online: किसी अपराधी को तो नहीं दे रहे पनाह? किरायेदार का ऑनलाइन ही करवा लें पुलिस वेरिफिकेशन, ये रहा सिंपल तरीका  

किरायेदार के बैकग्रॉउंड का पता करना सबसे जरूरी होता है. इससे आप भविष्य में होने वाली किसी भी अनहोनी से बच सकते हैं. ऑनलाइन पुलिस वेरिफिकेशन पोर्टल होने से मकान मालिकों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं है. आप तुरंत अपने लैपटॉप या कम्प्यूटर से फॉर्म भर सकते हैं. 

Rent Contract (Representative Image/Unsplash) Rent Contract (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन ही करवा लें पुलिस वेरिफिकेशन

  • बैकग्राउंड की जांच है जरूरी

अलग से कमाई हो सके इसके लिए लोग अक्सर अपने मकान को किराए पर दे देते हैं. कई बार तो लोग ये किराएदार का बैकग्राउंड भी चेक नहीं करते हैं. इसकी वजह से कई बार तो वे मुश्किल में भी पड़ जाते हैं. किराएदार अगर किसी गलत-सही काम को करता है तो इसका असर मकान मालिक पर भी पड़ता है. इसके लिए जरूरी है कि पुलिस वेरिफिकेशन (Tenant Police Verification) करवाया जाए. 

कई बार पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने के झंझट से बचने के लिए हम किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाता हैं. लेकिन भारत में ते जरूरी है. पुलिस  वेरिफिकेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है. 

कई राज्यों ने अपने खुद के ऑनलाइन सर्विस पोर्टल लॉन्च किए हैं. इससे मकान मालिक और किरायेदार पुलिस वेरिफिकेशन प्रोसेस को आसानी से ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं. इन प्लेटफार्मों का लक्ष्य इस पूरे प्रोसेस को आसान बनाना है. इतना ही नहीं ये बिना किसी कागजी कार्रवाई के हो सकता है. 

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क्यों जरूरी है टेनेंट पुलिस वेरिफिकेशन? 
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से मकान मालिकों को किरायेदारों क पुलिस वेरिफिकेशन करवाना चाहिए: 

1. बैकग्राउंड की जांच: पुलिस वेरिफिकेशन से किरायेदारों का बैकग्राउंड चेक किया जा सकता है. इसमें नाम, पता और पहचान जैसी पर्सनल डिटेल्स का वेरिफिकेशन होता है. 

2. सुरक्षा संबंधी चिंताएं: पुलिस वेरिफिकेशन के बिना किसी संपत्ति को किराए पर देना मकान मालिकों को जोखिम में डाल सकता है. खासकर तब जब वे किसी दूसरे शहर या विदेश में रहते हैं. पुलिस वेरिफिकेशन से, मकान मालिक यह पता लगा सकते हैं कि किरायेदार का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड तो नहीं है.

3. जाली दस्तावेजों का पता लगाना: ऑनलाइन पुलिस वेरिफिकेशन के साथ, मकान मालिक किरायेदारों के जमा किए गए नकली पहचान या जाली दस्तावेजों का पता लगा सकते हैं. इससे कई बार चोरी या धोखाधड़ी जैसी चीजें रोकी जा सकती हैं. 

4. कानूनी जरूरत: IPC की धारा 188 के अनुसार किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो किरायेदारों को जेल और जुर्माना हो सकता है.

पुलिस वेरिफिकेशन ऑनलाइन कैसे करें?
कई राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पुलिस वेरिफिकेशन प्रोसेस किया हुआ है. इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:

1. राज्य के ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: पहला कदम संबंधित राज्य या शहर के लिए पुलिस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है.

2. टेनेंट वेरिफिकेशन फॉर्म का पता लगाएं: ऑनलाइन पोर्टल में एक टेनेंट वेरिफिकेशन फॉर्म होगा जिसे मकान मालिकों को डाउनलोड करना होगा और भरना होगा. इस फॉर्म में आमतौर पर मकान मालिक और किरायेदार दोनों को बेसिक डिटेल्स देने होती है. 

3. डिटेल्स: वेरिफिकेशन फॉर्म में किरायेदार का नाम, मोबाइल नंबर, आइडेंटिटी (जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड), वर्तमान पता और किराये की प्रॉपर्टी का एड्रेस जैसी जानकारी मांगी जाती है.

4. डॉक्यूमेंट अपलोड करें: मकान मालिक को जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करने होते हैं. जैसे पासपोर्ट साइज की तस्वीरें और आईडी डॉक्यूमेंट की कॉपी. 

5. फॉर्म पर डिजिटल रूप से साइन करें: आखिर में फॉर्म पर डिजिटल रूप से साइन किया जाता है. 

6. फॉर्म जमा करें: एक बार फॉर्म पूरा हो जाने पर, इसे ऑनलाइन जमा किया जा सकता है. भविष्य के लिए अपने पास इसकी एक कॉपी भी जरूर रखें. 

टेनेंट पुलिस वेरिफिकेशन
टेनेंट पुलिस वेरिफिकेशन

कौन से डॉक्यूमेंट होते हैं जरूरी
पुलिस वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा करने के लिए, मकान मालिकों और किरायेदारों को कुछ डॉक्यूमेंट देने होते हैं. इसमें शामिल है:

-मकान मालिकों को किराये की संपत्ति के अपने ओनरशिप डॉक्यूमेंट देने होते हैं. 

-किरायेदारों को आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, या पैन कार्ड जमा करना होता है.

-किरायेदार के एड्रेस प्रूफ भी जमा किया जाता है. 

-किरायेदार और मकान मालिक दोनों को वेरिफिकेशन फॉर्म के हिस्से के रूप में हालिया पासपोर्ट साइज तस्वीरें भी देनी होती हैं. 

-हाउसिंग सोसाइटी के भीतर किराये की प्रॉपर्टी के मामले में, हाउसिंग एसोसिएशन से एक एनओसी भी जरूरी होता है. 

पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सरकारी वेबसाइटें

सरकार ने मकान मालिकों के लिए अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से पुलिस वेरिफिकेशन करना आसान बना दिया है. आप जिस भी राज्य में रहते हैं आप वहां की वेबसाइट पर जाकर वेरिफिकेशन फॉर्म भर सकते हैं. 

सरकारी वेबसाइटें

राज्य

वेबसाइट

महाराष्ट्र

mhpolice.maharashtra.gov.in

राजस्थान

police.rajasthan.gov.in

असम

polcitizen.assam.gov.in

गुजरात

gujhome.gujarat.gov.in

दिल्ली

delhipolice.gov.in

गोवा

citizen.goapolice.gov.in

हरियाणा

haryanapolice.gov.in

तमिलनाडु

eservices.tnpolice.gov.in

उत्तर प्रदेश

uppolice.gov.in

मध्य प्रदेश

mppolice.gov.in

हर किसी के लिए ये पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होता है. चाहे आप ऑनलाइन या फिर चाहे ऑफलाइन वेरिफिकेशन का ऑप्शन चुनें लेकिन इसे जरूर करवाएं. इससे आप किरायेदार के बैकग्रॉउंड का पता कर सकते हैं. या फिर आप भविष्य में होने वाली किसी भी अनहोनी से बच सकते हैं. ऑनलाइन पुलिस वेरिफिकेशन पोर्टल होने से मकान मालिकों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं है. न ही आपको कोई अलग से फॉर्म निकालने की जरूरत है. आप तुरंत अपने लैपटॉप या कम्प्यूटर से इसे भर सकते हैं.