नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली टेस्ट फ्लाइट अगले साल मार्च 2024 में शुरू होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि साल 2024 के आखिरी में एयरपोर्ट के उद्घाटन का समय निर्धारित किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट से पहली टेस्ट फ्लाइट अगले साल मार्च की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इसका काम तय समय के मुताबिक चल रहा है.
मार्च तक तैयार हो जाएगा रनवे-
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि यूनियन होम एंड सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते यूपी सरकार के साथ बैठक की और एयरपोर्ट के रोड मैप पर चर्चा की. इस एयपोर्ट के बनने से दिल्ली हवाई अड्डे पर भीड़ कम होगी और पश्चिमी यूपी और हरियाणा के लोगों को नई कनेक्टिविटी का ऑप्शन मिलेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एयरपोर्ट पर अभी रनवे लेयरिंग का काम चल रहा है और दिसंबर से हवाई नेविगेशन सर्विस इंस्टॉल करने का काम शुरू किया जाएगा. एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट का एयरसाइड मार्च तक तैयार हो जाएगा. जिसके बाद टेस्ट फ्लाइट कां संचालन किया जा सकता है.
CISF के जिम्मे होगी सुरक्षा की जिम्मेदारी-
रिपोर्ट के मुताबिक एक दूसरे अधिकारी ने 21 जुलाई की बैठक के बारे में बताया कि यूनियन होम एंड सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के अधिकारियों की यूपी सरकार के साथ बैठक इमिग्रेशन और सिक्योरिटी संबंधी चर्चा के लिए हुई थी. हालांकि इसको लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. लेकिन सीआईएसएफ एयरपोर्ट की सुरक्षा करेगा.
एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने फरवरी में एक बयान में कहा था कि सीआईएसएफ देश के सभी हवाई अड्डों की जिम्मेदारी संभालता है. वो जेवर एयरपोर्ट की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी संभालेगा. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सीआईएसएफ कर्मचारियों के आवास के लिए यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 55 हजार वर्ग मीटर की जमीन की मंजूरी दी है.
2024 के अंत में शुरू होगा एयरपोर्ट-
जेवर एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर में बनाया जा रहा है. एयरपोर्ट 2024 के अंत से शुरू हो जाएगा. इसमें एक टर्मिनल बिल्डिंग और एक रनवे होगा. इस एयरपोर्ट से सालाना 1.2 करोड़ मुसाफिरों के प्रबंधन की क्षमता होगी.
एयरपोर्ट को 4 चरणों में विकसित किया जाएगा. चौथे चरण में सालाना 7 करोड़ मुसाफिरों के सफर की क्षमती होगी. चौथा चरण 2040 तक पूरा होने की उम्मीद है. अभी दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट सालाना 7 करोड़ मुसाफिरों को संभालता है.
क्या होता है टेस्ट फ्लाइट-
टेस्ट फ्लाइट में एक कमर्शियल प्लेन की लैंडिंग और उड़ान को शामिल किया जाता है. जिसमें आमतौर पर अधिकारी और कुछ विशेषज्ञ होते हैं. इस टेस्ट फ्लाइट के दौरान कई पहलुओं की जांच की जाती है. सितंबर में गोवा के मोपा एयरपोर्ट पर टेस्ट फ्लाइट इंडिगो विमान से कराई गई थी.
नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का विकास ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है. जिसकी रियासत पीरियड 40 साल है.
अधिकारियों का कहना है कि सबसे जरूरी है कि जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली एयरपोर्ट से आने-जाने वाली हवाई ट्रैफिक को कैसे अलग करना है. दोनों एयरपोर्ट के बीच की दूरी 65 किलोमीटर है. जबकि सड़क मार्ग से ये 75 किलोमीटर है.
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