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Yamuna in Delhi: धीरे-धीरे बदल रही है यमुना नदी की तस्वीर, गंदगी की जगह घाटों पर नजर आई हरियाली, ये है वजह  

दिल्ली में अब धीरे-धीरे यमुना नदी की तस्वीर बदल रही है. गंदगी की जगह घाटों पर हरियाली नजर आ रही है. इसकी वजह है कि यहां लगातार सफाई की जा रही है. घाटों का बैठने लायक बनाया जा रहा है.

यमुना पर किए जा चुके हैं करोड़ों रुपये खर्च  यमुना पर किए जा चुके हैं करोड़ों रुपये खर्च
हाइलाइट्स
  • यमुना पर किए जा चुके हैं करोड़ों रुपये खर्च  

  • उपराज्यपाल ने की थी अभियान की शुरुआत

यमुना घाटों की महज कुछ ही दिनों में अचानक से तस्वीर बदलने लगी है. कल तक जहां कश्मीरी गेट के पास यमुना किनारे मिट्टी और गंदगी का अंबार था, वहां अब हरियाली नजर आने लगी है. एक महीने पहले तक जहां चलने तक में परेशानी होती थी वहां आम लोगों के आने के लिए पक्का रास्ता बन गया है. ताकी दिल्ली वाले यमुना किनारे साफ सांस ले सकें और रिवरफ्रंट का मजा ले सकें. 

यमुना पर किए जा चुके हैं करोड़ों रुपये खर्च  

दिल्ली में यमुना की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. पल्ला से चिल्ला तक यमुना की स्थिति सबके सामने है. यमुना को साफ करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च हुए, लेकिन यमुना जस की तस है. अब पिछले कुछ दिनों से यमुना नदी और यमुना के किनारे बसे घाटों की तस्वीर थोड़ी बदली-सी नजर आ रही है. इन तस्वीरों को देखकर लगता है शायद आने वाले कुछ दिनों में आप भी यमुना के किनारे साफ सांस ले सकेंगे. अपने परिवार के साथ घूम सकेंगे. 

दरअसल, दिल्ली यमुना नदी और उनके घाटो को पूरी तरह से डेवलपमेंट करने का काम तेजी से किया जा रहा है. यमुना के अंदर आने वाले कचरे को अधिकारियों की देख-रेख में सफाई कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाला जा रहा है. इसके अलावा यमुना में कचरा फैलाने से रोका जा रहा है, साथ ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जा रही है ताकि यमुना को मैला होने से रोका जा सके.

नाले के पानी की साफ करके यमुना में छोड़ा जा रहा है

ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक से यमुना में गिरने वाले नालों के आगे पत्थर और चूना-पत्थर के टुकड़े डाले जा रहे हैं. ये पत्थर के टुकड़े भारी कणों को सोख लेंगे और नदी में गिरने से रोकेंगे. इसके साथ ही पानी को ऑक्सीडाइज करेंगे. ड्रेन बीओडी रिड्यूसिंग तकनीक का ट्रायल आईएसबीटी ड्रेन पर किया जा रहा है और धीरे-धीरे इसे अन्य स्थानों पर दोहराया जाएगा. 

लाल पत्थरों से गुम्बदों को हो रहा है निर्माण

यमुना के घाटों पर अगले कुछ दिनों में पुरानी दिल्ली की पहचान ऐतिहासिक धरोहर लाल पत्थरों के जरिए गुंबद का निर्माण किया जा रहा है. ऐतिहासिक गेट बनाया जा रहा है, जो आने वाले दिनों में लोगों की आकर्षण का केंद्र बनेंगे. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वाकई यमुना नदी के घाटों पर इस तरह की तस्वीर भी देखने को मिलेगी. 

उपराज्यपाल ने की थी अभियान की शुरुआत

यमुना नदी को साफ करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले महीने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में सफाई का मेगा ड्राइव शुरू किया था. इस अभियान के पहले चरण में आईएसबीटी, कश्मीरी गेट के पास कुदसिया घाट से आईटीओ तक सफाई करने का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने जब पिछले महीने कश्मीरी गेट का कदुसिया घाट का दौरा किया था उस वक्त यहां मिट्टी और गंदगी का अंबार था. लेकिन महज 1 महीने के भीतर यमुना के घाटों की तस्वीरें बदली बदली नजर आ रही है. कदुसिया घाट पर हरियाली देखने को मिल रही है बड़े-बड़े पेड़ लगाए गए हैं और घाटों के किनारों पर हरी घास बिछाई जा रही है.

टेरिटोरियल आर्मी की चप्पे चप्पे पर नज़र 

टेरिटोरियल आर्मी की यमुना को साफ करने के लिए मदद ली जा रही है. यमुना नदी में कचरा फेंकने वालों को रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर टेरिटोरियल आर्मी तैनात है ताकि कोई भी शख्स यमुना नदी में ना तो कचरा फेंक सके न ही पूजा की सामग्री. नवरात्रि खत्म होने के साथ ही लोग पूजा सामग्री यमुना में प्रवाहित करने के लिए आते हैं, लेकिन लोग यमुना में इसको प्रवाहित ना करें इसके लिए पूजा सामग्री कलेक्शन करने यमुना घाटों पर व्यवस्था की गई है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी किया है वादा

पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यह बयान दिया था कि 2025 तक यमुना नदी के अंदर वह खुद डुबकी लगाएंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि यमुना नदी को साफ किया जाए हालांकि इसको लेकर की राजनीति भी जमकर होती है यमुना नदी की सफाई को लेकर दिल्ली सरकार अक्सर केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार पर ठीकरा फोड़ती है. हरियाणा से दिल्ली को मिलने वाला पानी नहीं मिलता है जिसके कारण यमुना नदी की स्थिति खराब है.

(सुशांत मेहरा की रिपोर्ट)