Cities with Most Clean Air: हम सभी चाहते हैं कि एक अच्छे और स्वच्छ वातावरण में रहें लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण देश के कई शहरों में लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी है. वायु प्रदूषण के कारण लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में भी आ रहे हैं.
हालांकि मानसून आने पर हवा की क्वालिटि थोड़ी सही हुई थी, लेकिन मानसून के जाते ही एयर क्वालिटि ने करवट ले ली है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मानसून के महीनों में स्वच्छ हवा के मजे लेने के बाद अब देश के कई शहरों खासकर के बड़े शहरों में एयर क्वालिटि में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. ऐसा क्यों हो रहा है, ये हमारे लिए जानना बेहद जरूरी है.
क्यों हो रही एयर क्वालिटि में गिरावट
बड़े शहरों में जहां प्रदूषण का मुख्य कारण वाहन, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, धूल प्रदूषण जैसे कई कारण हैं तो वहीं दूसरी तरफ पजांब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली से होने वाला धुआं दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है.
दरअसल, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में अक्टूबर और नवंबर के दौरान फसल के अवशेष जलाए जाते हैं. इससे निकलने वाला धुआं इतना खतरनाक होता है कि सर्दियों के मौसम में ये इमरजेंसी जैसी स्थिति ला देता है. बता दें कि वायु प्रदूषण इंसानों के हेल्थ के लिए सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरों में से एक है.
कई बड़ी बीमारियों को देता है बुलावा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो वायु प्रदूषण हर साल दुनिया भर में लगभग नौ में से एक मौत और लगभग सात मिलियन अननेचुरल मौतों के लिए जिम्मेदार है. इसके अलावा PM2.5 के संपर्क में आने से अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
यहां तक की ये बच्चो के मेंटल हेल्थ विकसित होने में बाधा डाल सकता है. साथ ही किसी भी बीमारी के ठीक होने में समस्या पैदा कर सकता है. लैंसेट की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली में सालाना होने वाली मौतों में से लगभग 11.5 प्रतिशत यानी लगभग 12,000 मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती हैं
वायु प्रदूषण है गंभीर समस्या
वल्ड एयर क्वालिटि रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश रहा है. देश में वार्षिक औसत PM2.5 सांद्रता 53.3 µg/m3 से बढ़कर 54.4 µg/m3 हो गई है. इसके अलावा लगभग 1.3 बिलियन या 96% आबादी PM2.5 के लेवल के संपर्क में है, जो कि WHO गाइडलाइन से सात गुना अधिक है.
हमारा देश भारत वर्तमान में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, जो कि हमारे देश के हर व्यक्ति के लिए बड़ी परेशानी है. आइए साल 2024 के 10 सबसे प्रदूषित शहरों और उनके AQI के बारे में जानते हैं. इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक देश के किन 10 शहरों में सबसे अच्छा है.
CPCB के अनुसार देश के सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले 10 शहर
1. दिल्ली सबसे खराब AQI शहरों में से एक है. इसका AQI वैल्यू 310 है और प्रमुख प्रदूषक है PM2.5, PM10.
2. सिंगरौली (मध्य प्रदेश) देश का दूसरा का सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर है. इसका AQI वैल्यू 300 है और प्रमुख प्रदूषक है PM2.5.
3. तीसरे नंबर पर भीवानी (हरियाणा) है. इसका AQI वैल्यू 289 और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
4. रोहतक (हरियाणा) देश का चौथा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर है. इसका AQI वैल्यू 283 और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
5. जिन्द (हरियाणा) देश का पांचवां सबसे एयर पौल्यूटेड शहर है. यहां का AQI वैल्यू 277 और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
6. गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) छठवां सबसे एयर पौल्यूटेड शहर है. यहां का AQI वैल्यू 257 और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
7. बहादुरगढ़ (हरियाणा) सातंवा सबसे एयर पौल्यूटेड शहर है. यहां का AQI वैल्यू 255 है और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
8. नोएडा (उत्तर प्रदेश) देश का आठवां सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर है. इसका AQI वैल्यू 252 और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
9. कैथल (हरियाणा) देश का नौवां सबसे एयर पौल्यूटेड शहर है. यहां का AQI वैल्यू 239 है और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
10. हाजीपुर (बिहार) देश का 10वां सबसे एयर पौल्यूटेड शहर है. यहां का AQI वैल्यू 236 है और प्रमुख प्रदूषक PM2.5 है.
देश के 10 सबसे स्वच्छ एयर क्वालिटि वाले शहर
1. मदुरई (तमिलनाडू)
2. चिकबलपुर (कर्नाटक)
3. ऊटी (तमिलनाडू)
4. मडिकेरी (कर्नाटक)
5. गदग (कर्नाटक)
6. कलबुर्गी (कर्नाटक)
7. पलकालाईपेरुर (तमिलनाडू)
8. तंजावुर (तमिलनाडू)
9. नगांव (असम)
10. बेलगाम (कर्नाटक)
उत्तर भारत की हवा इतनी जहरीली क्यों?
जैसा कि हमने इन्डेक्स में देखा कि उत्तर भारत का एक भी शहर स्वच्छ हवा वाले शहरों में नहीं है, लेकिन इसके पीछे कारण क्या है ये हमारे लिए जानना बेहद जरूरी है. आइए इसके पीछे के कारणों के बारे में जानते हैं.
1. जेट स्ट्रीम: जेट स्ट्रीम वायुमंडल की निचली परत यानी क्षोभ मंडल के ऊपरी इलाके में पश्चिम से पूर्व की ओर चलने वाली तेज हवाएं हैं. ये हवाएं अफगानिस्तान के पास हिंदूकुश पर्वत शृंखला से टकराकर दो हिस्सों में बट जाती है. एक हिस्सा उत्तर की ओर तिब्बत के पठार के उत्तर में चलती है जबकि दूसरा हिस्सा हिमालय के दक्षिण में उत्तर भारत के मैदान के ऊपर से गुजरता है. इससे हवाएं नीचे से ऊपर की तरफ नहीं जा पाती हैं और उत्तर भारत की प्रदूषित हवाएं धरातल के करीब इकट्ठी हो जाती हैं. इससे ठंड के मौसम में हरियाणा और पंजाब में जलाए जाने वाली पराली का धुआं ऊपर नहीं जा पाता और ये एक जगह इकट्ठा होते जाता है.
2. वायु प्रणाली: गर्मी के मौसम में वायुमंडल की निचली परत गर्म होती है. इसके कारण प्रदूषित वायु आसानी से गर्म होकर ऊपर की ओर अंतरिक्ष में चली जाती है. ठंड के मौसम में हवाएं ठंडी होने से भारी होकर नीचे ही रह जाती हैं. इसके कारण प्रदूषित वायु वायुमंडल की निचली परत में रहती हैं. यही कारण है ठंडी के मौसम में प्रदूषित वायु वायुमंडल की निचली परत में ही रह जाती है.
3. बड़े शहरों में चलती हैं अधिक गाड़ियां: बड़े शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, पटना, कानपुर में गाड़ियां अधिक चलाई जाती हैं. इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में कई तरह के प्रदूषक होते हैं, जो वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं.
(ये स्टोरी यामिनी सिंह बघेल ने लिखी है. यामिनी Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)