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Bag Pack Hero: ये बैग पैक हीरो बने गरीब बच्चों का सहारा, खेल-खेल में बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए बाल नेताओं को तैयार किया है. दरअसल ये 'बैग पैक हीरोज', जो खुद सामान्य पृष्ठभूमि से हैं और झुग्गियों में रहते हैं और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा पिछले महीने पुणे में शुरू किए गए कार्यक्रम बाल मित्र मंडल से जुड़े हैं. 

ये बैग पैक हीरो बने गरीब बच्चों का सहारा, खेल-खेल में बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा ये बैग पैक हीरो बने गरीब बच्चों का सहारा, खेल-खेल में बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा
हाइलाइट्स
  • 12-13 साल के बच्चे कर रहे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित

  • बच्चों को पढ़ाई की आदत लगा रहे हैं बाल नेता

गर्मी की छुट्टियों में आम तौर पर बच्चे घूमने जाते हैं. लेकिन दिल्ली के ये 40 बच्चे, गर्मी की दोपहर को हर रोज 11 बजे अपने घरों से निकल जाते हैं, और शहर भर में फैल जाते हैं. बस स्टॉप, ट्रैफिक सिग्नल जैसी जगहों पर रोजाना 2 घंटे का सेशन लेते हैं, और निराश्रित बच्चों को पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. ताकि वो स्कूलों में, बुनियादी गणित और अक्षर सीखें, खेल खेलें और कुछ लाइफ स्किल्स सीखें. दरअसल ये 'बैग पैक हीरोज', जो खुद सामान्य पृष्ठभूमि से हैं और झुग्गियों में रहते हैं और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा पिछले महीने पुणे में शुरू किए गए कार्यक्रम बाल मित्र मंडल से जुड़े हैं. 

12-13 साल के बच्चे कर रहे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित
अब ये अभियान दिल्ली तक पहुंच गया है. जहां पर नेहरू प्लेस बस स्टैंड, मोती बाग मेट्रो स्टेशन, महिपालपुर बाईपास और छतरपुर में खजान सिंह पार्क के पास - 10-12 'बाल नेताओं' ने सेशन लिया. शिक्षा प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए कुल 150 बच्चे इकट्ठा हुए हैं. इन्हीं में 13 साल के दो बच्चे अंजलि और निशा और उनके कुछ साथी बच्चों ने स्कूल न जाने वाले बच्चों की तलाश की, और उन बच्चों का नाम और डिटेल लिखकर उनकी काउंसलिंग की. अंजलि का कहना है कि, “हमने उन्हें अपने अभियान के बारे में बताया और बताया कि वहाँ खेल और किताबें होंगी. हमने उन्हें सुबह 11 बजे बस स्टॉप पर आने के लिए कहा और इतनी अच्छी भीड़ देखकर बहुत अच्छा लगा.” उन्होंने आगे बताया कि बच्चों के लिए स्टेशनरी का पैसा उन्होंने क्राउडफंडिंग से जुटाया.

बच्चों के लिए पढ़ाई को एंटरटेनिंग बनाना है लक्ष्य
चाहे खेलना हो, डांस करना हो, गणित का कोई आसान सा चैप्टर पढ़ना हो, या अंग्रेजी और हिंदी वर्णमाला पढ़ाना हो, इन बच्चों के लिए पढ़ाई को एंटरटेनिंग बनाना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये बच्चे कभी भी स्कूल नहीं गए हैं. इन चाइल्ड लीडर्स में से एक ने कहा कि, "इन बच्चों के साथ, यदि आप एक मिनट के लिए भी ब्लैंक हो जाते हैं, तो संभावना है कि वे या तो गायब हो जाएंगे, या फिर पढ़ने नहीं आएंगे.  इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके लिए पढ़ाई मज़ेदार हो और उबाऊ न हो."

बच्चों को पढ़ाई की आदत लगा रहे हैं बाल नेता
शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बैग पैक नायकों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सभी बच्चों, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को स्कूल जाने का मौका मिले. अंजलि ने कहा कि, "भले ही वे हर दिन हमारे साथ खेलें, वे कुछ बेसिक ही सीखें. उन्हें स्कूल जाने की आदत डलवाना ही बेहद जरूरी है." युवा शिक्षकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह अभियान अंततः कम से कम कुछ बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा.

स्कूल खुलने के बाद वीकेंड पर चलेगा सेशन
फाउंडेशन के अनुसार, ये सेशन पूरी गर्मी की छुट्टी के दौरान चलते रहेंगे, और एक बार स्कूल खुलने के बाद ये बाल नेता उन्हें वीकेंड पर आयोजित करेंगे. केएससीएफ के कार्यकारी निदेशक, कार्यक्रम, राकेश सेंगर ने कहा कि अभियान के स्पष्ट लाभार्थी सड़क पर रहने वाले बच्चे हैं, बैग पैक हीरोज भी इस प्रक्रिया में बहुत कुछ हासिल कर रहे हैं. सेंगर ने आगे कहा, "हमारा मकसद केवल इन बच्चों को मोटिवेट करना नहीं है, बल्कि उन्हें स्कूल तक ले जाने का है. बल्कि यह हमारे बाल मित्र मंडल के बाल नेताओं को भी लाइफ स्किल सीखने के लिए किया जा रहा है. यह लाइफ स्किल इस समाज को हर बच्चे के लिए एक बेहतर जगह बनाने का तरीका है."