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18th Lok Sabha: Modi 3.0 सरकार में शामिल हुए ये 7 राजनेता रह चुके हैं राज्यों के मुख्यमंत्री, जानिए

रविवार को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस बार भाजपा ने टीडीपी और जेडीयू के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है.

Modi 3.0 Government Modi 3.0 Government

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार पद की शपथ ली और जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी की, जिन्होंने 1951-52, 1957 और 1962 के राष्ट्रीय चुनावों में अपनी कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई थी. मोदी ने अपनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को संसदीय चुनावों - 2014, 2019 और 2024 में लगातार तीन जीत दिलाई हैं. 

चार बार के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद तक मोदी की पदोन्नति 2014 में उनकी पार्टी की लोकसभा चुनावों में जीत के बाद हुई. 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा ने 282 सीटें और NDA ने 300 से अधिक सीटें जीतीं. 2019 में, लोकसभा में भाजपा और NDA की ताकत बढ़ गई क्योंकि उन्होंने सदन में भाजपा ने 300 और NDA ने 350 से अधिक सीटें जीतीं. 

इस बार भाजपा को 240 सीटें ही मिलीं और इस कारण भाजपा ने टीडीपी और जेडीयू जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है. इस नई एनडीए सरकार में सात राजनेता ऐसे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं, और उनके पास प्रशासन चलाने का व्यापक अनुभव है. 

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नरेंद्र मोदी, गुजरात 
सबसे पहला नाम इस लिस्ट में पीएम मोदी का ही है. 26 जनवरी, 2001 को भूकंप आया था और पुनर्वास प्रयासों का समन्वय करने वाले मोदी 7 अक्टूबर, 2001 को केशुभाई पटेल को रिप्लेस करके सीएम बने. मोदी ने जब गुजरात की कमान संभाली, तब विधानसभआ चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा था. साल 2002 में राज्य में हुए चुनावों में मोदी बहुमत से जीते और फिर से सीएम बने. 2014 के संसदीय चुनावों में राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले मोदी ने भाजपा को दो और राज्य चुनावों में जीत दिलाई - 2007 और 2012 में. 

गुजरात और बाद में केंद्र में लगातार मोदी सरकारों को पहले गुजरात में महत्वपूर्ण आर्थिक विकास का श्रेय दिया गया, जो विकास के "गुजरात मॉडल" के रूप में जाना जाने वाला मॉडल बन गया, और फिर राष्ट्रीय स्तर पर. प्रधान मंत्री के रूप में, मोदी ने 'मेक इन इंडिया', 'स्वच्छ भारत अभियान' और 'डिजिटल इंडिया' जैसी पहल शुरू की. 2014 में मोदी प्रधानमंत्री बनने वाले छठे पूर्व मुख्यमंत्री बने. लेकिन वह एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री दोनों के रूप में कई कार्यकाल पूरे किए हैं. 

राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश
राजनाथ सिंह ने 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया. मोदी के तहत, सिंह ने मोदी 1.0 में केंद्रीय गृह मंत्री और 2.0 में रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है. 

मुख्यमंत्री बनने से पहले, सिंह ने उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था. शिक्षा मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल स्कूली शिक्षा को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण था, खासकर जिस तरह से परीक्षाएं आयोजित की गईं. वह नकल विरोधी अधिनियम, 1992 लाए. इसके अलावा, दूसरी वाजपेयी सरकार में, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री (1999-2000) के रूप में, सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो तब से देश में राजमार्ग और एक्सप्रेसवे विकास का आधार रही है. 

शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश 
शिवराज सिंह चौहान लोकसभा सदस्य थे, जब 2005 में, भाजपा नेतृत्व ने उन्हें मध्य प्रदेश में सरकार का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी, जहां वे 2018 तक निर्बाध रूप से पद पर बने रहे. साल 2018 में उनकी पार्टी को कांग्रेस की तुलना में अधिक वोट मिले लेकिन कम सीटें मिलीं और कांग्रेस ने 15 साल बाद सरकार बनाई. लेकिन चौहान 2020 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में लौट आए. 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने चार कार्यकालों के दौरान, चौहान ने लड़कियों और महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से 'लाडली लक्ष्मी योजना' और 'बेटी बचाओ अभियान' जैसी कल्याणकारी योजनाओं के साथ महिला समर्थक होने की प्रतिष्ठा अर्जित की. उन्होंने कृषि में अपने राज्य के प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार भी जीता. चौहान के नाम भाजपा नेताओं में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. 

मनोहर लाल खटटर, हरियाणा 
मनोहर लाल खट्टर ने 2014 से 2019 तक हरियाणा में भाजपा की पहली एकल सरकार का नेतृत्व किया, और फिर 2019 से 2024 तक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया. मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने ई-गवर्नेंस और डिजिटल पहल को बढ़ावा दिया, और राज्य में लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियानों पर काम किया.

एचडी कुमारस्वामी, कर्नाटक 
जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) एचडी कुमारस्वामी, पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के बेटे, दो बार कर्नाटक के सीएम रह चुके हैं - 2006 से 2007 और 2018 से 2019. वह शायद एनडीए में एकमात्र पूर्व सीएम-सह-केंद्रीय मंत्री हैं. उनका कन्नड़ फिल्म उद्योग में एक फिल्म निर्माता का बैकग्राउंड है. 

जीतन राम मांझी, बिहार 
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने मई 2014 से फरवरी 2015 तक बिहार के सीएम के रूप में कार्य किया. उस समय, वह बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड का हिस्सा थे. यह वह समय था जब 2014 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए मोदी को प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भाजपा के साथ अपने मतभेदों को लेकर नीतीश कुमार एनडीए से बाहर हो गए थे. 

सर्बानंद सोनोवाल, असम 
सर्बानंद सोनोवाल ने 2016 से 2021 तक असम में पहली भाजपा सरकार का नेतृत्व किया क्योंकि पार्टी ने पूर्वोत्तर के सबसे प्रभावशाली राज्य में कांग्रेस के तीन कार्यकाल के शासन को समाप्त कर दिया. उन्होंने दूसरी मोदी सरकार में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग और आयुष मंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाने, ढोला-सदिया पुल के निर्माण में अहम भूमिका निभाई.