राष्ट्रीय कोविड -19 सुपरमॉडल समिति (National Covid-19 Supermodel Committee)के सदस्यों के अनुसार एक बार ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा पर हावी हो जाएगा और उसे रिप्लेस कर देगा तो कोरोनावायरस की तीसरी लहर आएगी. सुपरमॉडल पैनल के प्रमुख विद्यासागर ने बताया कि ओमिक्रॉन के कारण होने वाली तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में और फरवरी में चरम पर पहुंचने की संभावना है.
विद्यासागर ने बताया कि "अगले साल की शुरुआत में तीसरी लहर आ सकती है. देश में बड़े पैमाने पर मौजूद इम्युनिटी की वजह से दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर हल्की रहनी चाहिए. तीसरी लहर निश्चित तौर पर आएगी. अभी, हर दिन लगभग 7,500 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. ओमिक्रॉन जब बढ़ेगा तो प्रति दिन मामले भी बढ़ने लगेंगे.
वैक्सीन बनेगा सुरक्षा कवच
विद्यासागर, जो IIT हैदराबाद में प्रोफेसर भी हैं उन्होंने कहा कि वैक्सीन कार्यक्रम को फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा अन्य लोगों के लिए भी बढ़ाया गया था, जब डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप बढ़ा था. दूसरी लहर के दौरान अधिकांश आबादी को वैक्सीन नहीं लगी थी लेकिन, अब अधिकांश लोगों को वैक्सीन लग चुकी है इसलिए तीसरी लहर में दूसरी लहर के जितने दैनिक मामले नहीं आएंगे.
बता दें कि, देश में कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश भर में अब तक ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 100 के पार पहुंच गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि ओमिक्रोन के मामलों की संख्या अब देश में 100 को पार कर गई है और अब तक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ये संक्रमण सामने आए हैं.
डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन को शुरुआत से ही डेल्डा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. इसके फेलने की रफ्तार डेल्टा से भी ज्यादा है. यहां तक की ये भी कहा जा रहा है कि जनवरी तक देश पर वायरस का प्रकोप एक बार फिर हो सकता है. 2 दिसंबर को जहां देश में सिर्फ 2 केस थे 17 दिसंबर तक इनकी संख्या 100 से अधिक हो गई है. ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी लोगों को एक बार फिर सावधान होने की सलाह दी है.
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