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Walchandnagar Industries: साल 1973 से ISRO के साथ काम कर रही है यह कंपनी, Chandrayaan-3 के लॉन्च में है अहम भूमिका

Chandrayaan-3 Mission में ISRO का साथ देश की कई बड़ी कंपनियों ने दिया है और Walchandnagar Industries Limited भी इनमें से एक है. यह कंपनी पिछले 50 सालों से इसरो के साथ काम कर रही है.

Seth Walchand Hirachand Doshi founded WIL Seth Walchand Hirachand Doshi founded WIL
हाइलाइट्स
  • मिशन के लिए बनाए जरूरी पार्ट्स

  • आजादी से पहले बनी थी WIL 

यह बेहद गर्व की बात है कि पुणे स्थित वालचंदनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (WIL) ने चंद्रयान 3 मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. WIL ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर काम किया. 

WIL के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चिराग दोशी ने मीडिया से कहा कि वालचंदनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड पिछले 50 सालों से इसरो की सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है. साल 1973 से इसरो के सभी प्रोग्राम्स के लिए WIL विश्वसनीय हार्डवेयर प्रोडक्शन पार्टनर है. 

मिशन के लिए बनाए जरूरी पार्ट्स
WIL की विशेष फैसिलिटी में चंद्रयान 3 मिशन के LVM3 लॉन्च वाहन में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण बूस्टर सेगमेंट S200 का निर्माण किया गया था और विशेष रूप से प्रूफ प्रेशर-टेस्टिंग की गई थी. अन्य LVM3-M4s सबसिस्टम जैसे फ्लेक्स नोजल कंट्रोल टैंकेज और S200 फ्लेक्स नोजल भी WIL ने बनाए हैं. 

WIL-ISRO पार्टनरशिप
23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग से भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद पर पहुंचने की उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसरो के इस सफर में WIL कंपनी सालों से उनका साथ दे रही है. कंपनी को मंगलयान, चंद्रयान 1 और 2; और SLV 3, SSL, PSLV, GSLV MKII और MkIII जैसे पहले के सभी प्रतिष्ठित मिशनों में अपने योगदान पर बेहद गर्व है. 

WIL ने SLV-3 और ASLV से लेकर PSLV, GSLV Mk II और Mk III तक इसरो अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए बूस्टर मोटर केसिंग और नोजल के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लिया है. WIL के बनाए उपकरण का रोहिणी, SROSS, IRS, GSAT और अन्य उपग्रहों के प्रक्षेपण में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है. 

WIL-ISRO Partnership

आजादी से पहले बनी थी WIL 
आपको बता दें कि WIL या वालचंदनगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड साल 1908 में स्थापित, एक हैवी इंजीनियरिंग कंपनी है. यह कंपनी रक्षा, परमाणु और एयरोस्पेस जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में काम करती है. कंपनी की स्थापना सेठ वालचंद हीराचंद दोशी ने की थी. WIL पुणे से 135 किमी दूर बारामती और इंदापुर के पास स्थित है. 

वालचंद ने भारत का पहला शिपिंग यार्ड स्थापित किया था और उनके प्रयासों के कारण ही 5 अप्रैल 1919 को पहला स्वदेशी जहाज समुद्र में उतरा था. शिपयार्ड के अलावा, उन्होंने देश को पहली कार फैक्ट्री के साथ-साथ पहला विमान कारखाना भी दिया. शिपिंग, एविएशन और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उनकी उद्यमशीलता के कारण ही उन्हें 'Father of Transportation in India' की उपाधि दी गई थी.