कहते हैं किस्मत में जो लिखा होता है वही मिलता है. यह बात यूपी की एक महिला पर एकदम सटीक बैठती है. यह महिला दिल्ली पुलिस की नौकरी की तैयारी कर रही थी लेकिन कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग कर यूपी की एक रोडवेज़ बस में बस ड्राइवर बन गयी है और दिलचस्प बात यह की इसी बस पर महिला ड्राईवर का पति कंडक्टर है. अब यह ड्राइवर दूसरी महिलाओं को प्रेरणा दे रही है.
दरअसल, लोनी डिपो की एक रोडवेज़ बस पर पति-पत्नी तैनात हैंय दिलचस्प यह है कि पत्नी के हाथ में रोडवेज़ बस का स्टेयरिंग है और पति यात्रियों के टिकट काटते हैं.जो भी यह बात सुनता है वही हैरत में पड़ जाता है. रोडवेज़ बस का स्टेयरिंग थामने वाली महिला बुलन्दशहर की रहने वाली वेदकुमारी हैं.
स्किल ट्रेनिंग कर बनी ड्राइवर
वेद कुमारी के पति मुकेश प्रजापति भी रोडवेज़ बस में टिकट काटते हैं. वेदकुमारी संस्कृत विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हैं.अभी तक वह दिल्ली पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रही थी, लेकिन रोडवेज में महिला चालकों की भर्ती निकलने पर वेद कुमारी ने अपना इरादा बदल कर रोडवेज बस का सारथी बनने की ठान ली. कौशल विकास मिशन के तहत उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के सहयोग से साल 2021 में वेदकुमारी ने माडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर से भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग ली.
इसके बाद वेद कुमारी को लोनी डिपो की वर्कशॉप में 10 माह के प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया. अप्रैल 2023 में कौशांबी डिपो से वेदकुमारी पहली बार रोडवेज बस का स्टेयरिंग थाम सारथी बन गई. यह दंपति अब कौशांबी गाज़ियाबाद से बदायूं रूट पर एक ही रोडवेज पर तैनात हैय वेद कुमारी एक बेटे और बेटी की मां भी हैं. बेटा सूर्यकांत 10वीं और बेटी भाविका केजी में पढ़ रही है.
सूर्यकांत ही अपनी बहन का ध्यान रखता है. वेद कुमारी का कहना है कि फिलहाल वे संविदा पर तैनात है. साथ ही कहती हैं कि इस कार्य में कोई डर की बात नहीं है. यह कोई भारी काम नहीं है महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं.
(मुकुल शर्मा की रिपोर्ट)