चीन सीमा के पास पूर्वी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में मौसम की करवट ने भारी तबाही मचा रखी है. सिक्किम में बारी हिमपात के कारण कई पर्यटक वहां फंस गए हैं. शनिवार को भारी हिमपात के बाद नाथू ला में चीन सीमा के पास पूर्वी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में फंसे करीब 1,027 पर्यटकों को भारतीय सेना ने बचा लिया.
15 किलोमीटर में फंसे थे लोग
शनिवार दोपहर नाथू ला, त्सोमगो झील और आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी हुई, जिससे तापमान शून्य से नीचे आ गया. भारी बर्फबारी के बाद इन इलाकों को गंगटोक से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर वाहन फिसलने लगे. सेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कुल मिलाकर, 120 वाहनों में लगभग 1,027 पर्यटक थे, जो 15 किलोमीटर की दूरी पर फंसे हुए थे.
सेना के जवानों ने किया रेस्कयू
जिसके बाद क्षेत्र में तैनात ब्लैक कैट डिवीजन के सेना के जवानों ने उनका बचाव किया और सेना के वाहनों में पर्यटकों को बैठाकर एक सैन्य शिविर में शिफ्ट कर दिया. सभी पर्यटकों को रहने, गर्म भोजन, गर्म कपड़े और महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रदान की गई.
किरेन रिजिजू में किया सचेत
अरुणाचल प्रदेश में अरुणाचल पश्चिम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तवांग आने वाले पर्यटकों को सलाह दी और कहा कि सड़क पर ड्राइव करना इस वक्त खतरे से काली नहीं है. ये बेहद खतरनाक है और तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है. उन्होंने ट्वीट किया, "इस समय अरुणाचल प्रदेश में तवांग आने वाले पर्यटकों के लिए सलाह. बैशाखी, सेला दर्रे और नूरनांग के बीच भारी हिमपात की सूचना है. कृपया आगे बढ़ने से पहले उचित जानकारी प्राप्त करें क्योंकि सड़क ड्राइव करने के लिए बेहद खतरनाक है और तापमान - 25 तक नीचे चला जाता है!