चाहे टू-व्हीलर हो या फोर-व्हीलर, गाड़ी में सही मात्रा में एयर प्रेशर होना बहुत जरूरी है. बढ़ते तापमान में अगर टायर में हवा कम रही तो पंचर होने का डर रहता है और ज्यादा हवा होने से टायर फटने का डर रहता है. गर्मी के मौसम में टायर एयर प्रेशर को लेकर ऑटो मोबाइल एक्सपर्ट्स का क्या कहना है. चलिए जानते हैं...
ऑटो मोबाइल एक्सपर्ट तूतू धवन बताते हैं कि वाहनों में टायर की हवा को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी है. किसी भी वाहन में एयर डिसबैलेंस के कारण गाड़ी को नुकसान हो सकता है. वैसे तो हर गाड़ी का एयर प्रेशर अलग अलग होता है. लेकिन हम टू-व्हीलर की बात करें तो पीछे वाली टायर में 20 से 22 पीएसआई होना चाहिए और आगे वाले टायर में 18 से 20 पीएसआई होनी चाहिए. और अगर फोर-व्हीलर्स की बात करें तो 28 से 30 पीएसआई होना जरूरी है.
आमतौर पर हम लोग टू-व्हीलर्स में 30 -35 पीएसआई भरवाते हैं. लेकिन गर्मी के मौसम में सड़क वैसे भी बहुत गर्म होती है, ऐसे में जब सड़क पर टायर का घर्षण होता है तब वह और भी ज्यादा तेजी से गर्म होने लगता है. इससे टायर के अंदर का एयर प्रेशर बढ़ने लगता है. ऐसे हालत में टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है और हादसे की आशंका बढ़ जाती है. गर्म टायर में पंचर होने के चांस भी बढ़ जाते हैं.
अगर आपकी गाड़ी के टायर बहुत पुराने हो चुके हैं और घिस चुके हैं तो भी टायर खराब होने या पंचर होने का डर रहता है. ऐसी स्थिति में बेहतर यही रहेगा कि आप नया टायर लगवाएं. पुराने टायर में पंचर होने का खतरा बना रहता है और 100 से 200 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करना खतरनाक हो सकता है.
वैसे इस मौसम में जरूरत से कम एयर प्रेशर रखना ही अक्लमंदी का काम है. अगर आप लंबे सफर पर निकल रहे हैं तो एयर प्रेशर जरूर चेक करें और कार में स्टेपनी जरूर रखें. कार में मैन्युली हवा भरने वाली मशीन का भी होना जरूरी है. कई लोग नाइट्रोजन वाले टायरों का भी इस्तेमाल करते हैं. दरअसल नाइट्रोजन एक मॉइश्चर फ्री गैस होता है. इसलिए नाइट्रोजन वाले टायर सेफ हैं. इसके फटने के भी चांस कम होते हैं. इसकी लाइफ की लॉन्ग टर्म होती है. नाइट्रोजन बाकी हवा की तुलना में 40 फीसदी कम रफ्तार से रिसता है. ऐसे में टायर स्थिर रहता है.
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट धवन बताते हैं कि गाड़ियों के टायर में नाइट्रोजन गैस भरवाने से कोई नुकसान नहीं होता. आप चाहें तो आसानी से इसे गाड़ियों में भरवा सकते हैं.
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