लोकसभा चुनाव 2024 की वजह से आम लोगों को कुछ दिनों के लिए राहत मिल गई है. फिलहाल हाईवे पर लोगों को ज्यादा टोल नहीं देना पड़ेगा. चुनाव आयोग ने NHAI को राजमार्गों पर नई टोल दरों को लोकसभा चुनाव के बाद लागू करने को कहा है. आपको बता दें कि हर साल अधिकांश टोल हाईवे पर नई दरें एक अप्रैल से लागू होती हैं. लेकिन एक बार लोकसभा चुनाव के चलते ECI ने इसे लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाने को कहा है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से टोल शुल्क बढ़ोतरी को टालने को कहा है. ईसीआई ने इस बारे में रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के एक पत्र का जवाब दिया है.
टोल शुल्क में कितनी बढ़ोतरी-
टोल शुल्क में औसत 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद थी. इस शुल्क बढ़ोतरी का फैसला एक अप्रैल से देशभर के अधिकांश टोल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर लागू होना था. ईसीआई ने कहा कि बिजली दर पर फैसला के लिए जरूरी प्रक्रिया स्टेट इलेक्शन रेगुलेटरी कमीशन जारी रख सकता है. हालांकि ये दर संबंधित राज्य में इलेक्शन की तारीख के बाद ही लागू किया जाएगा. एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर में बदलाव के आधार पर हर साल टोल शुल्क मे परिवर्तन किया जाता है.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. उसके बाद 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.
देश में हाईवे नेटवर्क का जाल-
नेशनल हाईवे नेटवर्क पर करीब 855 यूजर फी प्लाजा हैं. इन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर और संग्रह का निर्धारण) नियम 2008 के अनुसार शुल्क लगाया जाता है. इनमें से 675 सार्वजनिक वित्त पोषित शुल्क प्लाजा हैं और 180 कंसेशनेयर-ऑपरेटेड टोल प्लाजा हैं.
NHBF ने उठाया था मुद्दा-
इस बीच नेशनल हाईवे बिल्डर्स फेडरेशन (NHBF) ने एनएचएआई को पत्र लिखा और कहा कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स ने 29 मार्च 2024 को कंसेशनेयर को नई टोल दरों के बारे में लोकल न्यूज पेपर में पब्लिश नहीं करने को कहा था. ये दरें एक अप्रैल 2024 से लागू होनी थी, जो नेशनल हाईवे फी रूल्स 2008 के खिलाफ है. फेडरेशन ने कहा था कि ये मौखिक आदेश एकतरफा और कॉन्ट्रैक्ट के खिलाफ है. NHBF ने कहा था कि आखिरी समय में एनएचएआई के ऐसे मौखिक निर्देशों से एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
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