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Fiscal Health Index 2025: ये हैं भारत के टॉप 10 परफॉर्मिंग राज्य, ओडिशा पहले तो गुजरात पांचवे स्थान पर

Neeti Ayog की Fiscal Health Index Report में ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड को भारत के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में देखा गया है.

Fiscal Health Report: Odisha top performing state in India Fiscal Health Report: Odisha top performing state in India

नीति आयोग ने  हाल ही में फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट जारी की हैं. इस में ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड को भारत के सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में देखा गया है. इस रिपोर्ट को 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कुछ दिन पहले दिल्ली में रिलीज किया था. 

यह रिपोर्ट भारत के 18 महत्वपूर्ण राज्यों के फाइनेंशियल स्वास्थ्य का मूल्यांकन करती है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP), जनसांख्यिकी, कुल सार्वजनिक व्यय (total public expenditure), राजस्व और समग्र वित्तीय स्थिरता ( financial stability) में जरूरी योगदान देते हैं. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कैसे ये राज्य खेती, गरीबी उन्मूलन (poverty alleviation), मानव विकास, शहरीकरण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में रिसोर्स का अलॉटमेंट कर रहे हैं.

टॉप परफॉर्मिंग राज्य
नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और गुजरात सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं. खासकर कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए, टॉप 10 राज्यों की लिस्ट इस प्रकार है-

1. ओडिशा - 67.8 अंक
ओडिशा इस लिस्ट में पहले स्थान पर रहा है, जिसकी कुल अंक संख्या 67.8 है. ये राज्य ऋण सूचकांक (debt index) (99.0) और ऋण स्थिरता (debt sustainability) (64.0) के मामले में सबसे आगे रहा. साथ ही, क्वालिटी (quality of expenditure) और राजस्व संग्रहण में भी औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है. ओडिशा की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी हुई है क्योंकि इसका वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) कम है, कर्ज मैनजमेंट सही है और राज्य की अर्थव्यवस्था के मुकाबले पूंजीगत खर्च भी मजबूत है.

2. छत्तीसगढ़ - 55.2 अंक
छत्तीसगढ़ ने दूसरा स्थान हासिल किया है. राज्य का ऋण सूचकांक काफी प्रभावशाली रहा, जिसने इसे रैंकिंग में ऊंचा स्थान दिलाया. इसके अलावा, छत्तीसगढ़ ने खर्च और रेवेन्यू के बीच संतुलन बनाए रखा है, जो इसकी अच्छी फाइनेंशियल योजना को दिखाता है.

3. गोवा - 53.6 अंक
गोवा ने इस सूची में तीसरा स्थान हासिल किया है. ये राज्य राजस्व संग्रहण (Revenue Mobilisation) में  खासकर सफल रहा है.

4. झारखंड - बेहतरीन सुधार के साथ चौथा स्थान
झारखंड ने फाइनेंशियल स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार किया है. इसने 2015-19 से 2021-22 के बीच दसवें स्थान से छलांग लगाकर 2022-23 में चौथा स्थान प्राप्त किया. झारखंड की इस प्रगति का मुख्य कारण बेहतर राजस्व संग्रहण, फाइनेंशियल अनुशासन, और ऋण स्थिरता में सुधार है.

अन्य सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक को 'फ्रंट-रनर' (सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले) राज्यों के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले राज्य
वहीं दूसरी ओर, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल को सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में रखा गया है, जिन्हें 'आकांक्षी' (Aspirational) राज्य कहा गया है. इन राज्यों को फाइनेंशियल दृष्टिकोण से गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. 

पंजाब और केरल की वित्तीय स्थिति खराब गुणवत्ता वाले खर्च और ऋण स्थिरता की कमजोर स्थिति के कारण कमजोर हुई है. पश्चिम बंगाल को राजस्व संग्रहण और ऋण प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आंध्र प्रदेश को बड़े वित्तीय घाटे से जूझना पड़ रहा है. हरियाणा की कमजोर ऋण प्रोफाइल इसकी फाइनेंशियल समस्याओं को और बढ़ा रही है.

मूल्यांकन किस आधार पर किया गया-
व्यय की गुणवत्ता (Quality of Expenditure) – सरकार का पैसा सही जगह खर्च हो रहा है या नहीं, यह देखा गया. जैसे, विकास कार्यों और लोगों के कल्याण पर खर्च कितना हो रहा है.

राजस्व जुटाना (Revenue Mobilisation) – राज्य अपनी आमदनी कैसे बढ़ा रहा है, टैक्स और अन्य सोर्स से कितना पैसा कमा रहा है, इसकी जांच की गई.

राजकोषीय विवेक (Fiscal Prudence) – सरकार घाटे में जाने से बच रही है या नहीं, और क्या वह खर्च और आमदनी के बीच सही संतुलन बना रही है.

ऋण सूचकांक (Debt Index) – राज्य ने कितना कर्ज लिया है और उसे चुकाने की क्षमता कितनी है.

ऋण स्थिरता (Debt Sustainability) – राज्य का कर्ज ऐसा है जिसे लंबे समय तक बिना किसी बड़ी समस्या के संभाला जा सके.

(यह रिपोर्ट निशांत सिंह ने लिखी है. निशांत Gnttv.com के  साथ बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.)