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ट्रांसजेंडर भी उठा सकेंगे सरकारी योजनाओं का फायदा, यूपी में होगी अपनी तरह की पहली जनगणना 

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण और विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसमें से लगभग 25 करोड़ रुपये केवल समुदाय के युवाओं की शिक्षा के लिए दिए जाएंगे.

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हाइलाइट्स
  • ट्रांसजेंडर युवाओं को किया जाएगा शिक्षित 

  • वृद्धों के लिए बनाए जायेंगे डिग्निटी होम

उत्तर प्रदेश में जल्द ही पहली बार ट्रांसजेंडर के लिए जनगणना का प्रस्ताव रखा गया है. इसकी मदद से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए उनकी जरूरत की और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जा सकेंगी.  सूत्रों के मुताबिक,  मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर लोगों को शिक्षा की सुविधा प्रदान करने, उनकी कॉलोनियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ विकसित करने और समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों के पुनर्वास के लिए बजट प्रस्तावित किया है. 

200 करोड़ का बजट है प्रस्तावित 

दरअसल, इस कदम  के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 अप्रैल को राज्य सरकार के अधिकारियों को ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था. 

बता दें, उत्तर प्रदेश में पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2021 में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया था. 

राज्य में हैं 20 लाख ट्रांसजेंडर 

बताते चलें कि राज्य भर में अनुमानित 20 लाख ट्रांसजेंडर रहते हैं, जिनमें से अधिकांश के पास शिक्षा और रहन-सहन के लिए बेहद सीमित साधन हैं. हालांकि, पीटीआई के मुताबिक, बोर्ड की पहली बैठक 19 अप्रैल को ही हुई थी जिसकी अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने की थी. 

ट्रांसजेंडर युवाओं को किया जाएगा शिक्षित 

मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, "उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण और विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसमें से लगभग 25 करोड़ रुपये केवल समुदाय के युवाओं की शिक्षा के लिए समर्पित किए जाएंगे."

डेटाबेस किया जाएगा केंद्र के साथ साझा 

इसके बाद सूत्र ने कहा, "राज्य में ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान करने और उन्हें विशिष्ट पहचान पत्र के साथ रजिस्टर करने के लिए एक जनगणना की जाएगी ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें. यह यूपी के 75 जिलों में किया जाएगा और इसके हिसाब से एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा. इस डेटाबेस को आगे केंद्र के साथ साझा किया जाएगा.   

वृद्ध लोगों के लिए बनाए जायेंगे डिग्निटी होम

आपको बता दें,  सूत्र ने कहा कि इसके अलावा वृद्ध ट्रांसजेंडर लोगों के लिए वृद्धाश्रम की तर्ज पर शहरों में 'गरिमा गृह' (डिग्निटी होम) बनाने का भी प्रस्ताव रखा है, ताकि उन्हें एक आरामदायक और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिल सके. सरकार की मंजूरी के बाद जनगणना शुरू करने की तारीख तय की जाएगी.