बाहरी दिल्ली में पारा 48 डिग्री से ऊपर जा चुका है. लोग इस भीषण गर्मी से परेशान हैं. राजधानी के कई इलाकों में पानी की सप्लाई डिमांड के आधार पर होगी. जिन इलाकों में दो बार पानी दिया जाता था अब सिर्फ एक ही बार दिया जाएगा और इससे बचे पानी को डिमांड वाले इलाकों में भेजा जाएगा. बढ़ते तापमान में दिल्ली को तिहरा प्रहार झेलना पड़ रहा है. पानी की किल्लत, बढ़ता तापमान और आग लगने की बढ़ती घटनाएं दिल्ली पर ट्रिपल अटैक की तरह है.
हर रोज़ मिल रही है औसतन 200 फायर कॉल्स
बीते कुछ दिनों से दिल्ली में फायर की घटनाएं बढ़ी हैं. रेसिडेंशियल इलाके, अस्पताल और पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में आग लगने की घटना सामने आ रही है. दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग ने बताया कि हर रोज़ दिल्ली फायर को औसतन 200 कॉल्स मिल रही है. अतुल ने कहा कि आग की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसके पीछे की पहली वजह जरूरत से ज्यादा और लगातार एसी इस्तेमाल करना है. पिछले साल की तुलना में इस साल 25 प्रतिशत कॉल्स बढ़ी है. पिछले साल इसी समय करीब 160 कॉल मिला करती थी अब बढ़ोतरी के साथ 200 कॉल मिलने लगी है. सर्दियों में औसतन 70 से 80 कॉल मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि इस साल 26 मई तक कुल फायर की कॉल 2991 मिली है जबकि पिछले साल इस समय तक 1422 कॉल्स मिली थी.
इन बातों का रखें ध्यान
दिल्ली फायर सर्विस के चीफ अतुल गर्ग ने बताया कि किसी घर, फैक्ट्री और संस्थान की इलेक्ट्रिक हेल्थ ठीक होनी चाहिए. इलेक्ट्रिक लोड और वायरिंग की हेल्थ को जरूर चेक करें. वायरिंग चेक करवा लें कि वह बढ़े लोड को झेल सकती है या नहीं. सर्दियों में गीजर भी कुछ देर के लिए चलता है जबकि गर्मियों में एसी 24 घंटे चलते हैं. लोड बढ़ जाता है लेकिन वायरिंग उसे लोड को सहन नहीं कर पाती. आप हेवी इक्विपमेंट में लोकल एमसीबी लगाएं क्योंकि वह इमीडिएट ट्रिप हो जाएगी.
(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)