मुंबई की जुड़वा बहनों ने सोलापुर जिले में एक ही लड़के से शादी की. दो जुड़वां बहनों की शादी एक ही लड़के से होने की ये घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. यह मामला अपने आप में अनोखा है. इस घटना के चर्चा में आने के बाद पुलिस ने लड़के यानी अतुल अवताड़े पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 494 के तहत एन.सी.आर दर्ज किया गया है. इस मामले में मालेवाड़ी के राहुल फुले ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
दूल्हे पर हुआ केस
अकलूज के महलुंग मोहल्ले के ग्रुप नंबर दो में रहने वाले युवक अतुल उत्तम अवताड़े ने दो जुड़वा बहनों रिंकी मिलिंद पडगांवकर और पिंकी मिलिंद पडगांवकर से एक ही हॉल में 2 दिसंबर को शादी की थी. इस अनोखी शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इसके बाद दूल्हे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि सोलापुर के रहने वाले अतुल अवताड़े ने दोपहर करीब 12.30 बजे अपनी पहली शादी 36 वर्षीय रिंकी पडगांवकर के साथ की और फिर उसी मंडप में पिंकी पडगांवकर से भी शादी की.
क्यों की एक ही लड़के से शादी
दोनों बहनों ने कथित तौर पर एक ही शख्स से शादी करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वे शादी के बाद अलग-अलग नहीं रहना चाहती थीं. पुलिस ने कहा कि उनके परिवार ने जुड़वां बच्चों की अजीबोगरीब मांग पर नाराजगी नहीं जताई. दोनों आईटी प्रोफेशनल्स हैं. पुलिस ने कहा, हमारे पास शुरुआती जानकारी यही है कि दोनों बहनें काफी क्लोज हैं और एक साथ रहना चाहती हैं. आगे की जांच चल रही है. कानून के मुताबिक एक व्यक्ति एक समय में केवल एक ही स्त्री से विवाह कर सकता है. हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार शादी कानूनी है या नहीं इसकी जांच की जानी चाहिए. इस तरह के विवाह पर आपत्ति पहली पत्नी की ओर से आती है.
क्या कहता है हिंदू विवाह एक्ट
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत बिना तलाक के दूसरी शादी का प्रावधान नहीं है. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत पत्नी की सहमति से भी दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं है. इस कानून के सेक्शन 2, (1) (बी) के तहत जैन, बौद्ध और सिख धर्म की भी शादियां होती हैं. पहली पत्नी होने के बावजूद दूसरी शादी करने को Bigamy कहा जाता है. हालांकि बाइगेमी तभी अपराध है जब पत्नी मामले में केस दर्ज कराए. हमारे देश में नेताओं से लेकर बॉलीवुड स्टार्स तक कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे, जहां पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी की गई. हालांकि यह मामला न्यायालय नहीं पहुंचा क्योंकि इनकी पहली पत्नियों ने दूसरी शादी को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
यह न तो सिविल ऑफेन्स है न ही क्रिमिनल. हिंदू मैरिज एक्ट में दूसरी शादी को वॉयड कहा गया है. लेकिन शादी को वॉयडेबल भी स्त्री ही घोषित कर सकती है. या उसका परिवार कर सकता है. जहां तक क्रिमिनल केस का सवाल है, 198 सीआरपीसी में इस तरह के मामले में पहली पत्नी या उनके पिता केस कर सकते हैं. यहां पर रजामंदी से शादी हुई है, इस शादी में दोनों बहनों की रजामंदी शामिल है. परिवार की रजामंदी शामिल है. इसलिए यह केस बेबुनियाद है. अगर लड़के ने जबरदस्ती शादी की होती तब केस किया जा सकता था.