महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में समुद्र तट के किनारे गुरुवार को सुबह 8 बजे के करीब एक संदिग्ध बोट मिलीं थी. इस बोट से तीन एक-47 और बुलट्स बरामद की गई है. ये लाइफ बोट हरिहरेश्वर तट से करीब 32 किलोमीटर दूर भारदखोल में मिली है. इसके बाद आतंकी साजिश की आशंका जताई जा रही है. हालांकि इसको लेकर अभी कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, पर ऐसा पहला बार नहीं है कि समुद्र के रास्ते किसी आतंकी हमले की साजिश हुई हो, इससे पहले भी समुद्र के रास्ते आए आतंकियों ने मुंबई को दहलाया है.
पहला हमला 12 मार्च 1993 में समुद्री रास्ते से RDX आया था. उसके बाद 26 नवंबर 2008 को भी समुद्र के रास्ते ही आतंकियों ने भारत में कदम रखा था. माना ये भी जाता है कि 26/11 हमले में पकड़ा गया आतंकी कसाब भी अपने साथियों के साथ इसी रास्ते से आया था.
1993 में समुद्री रास्ते से आया था RDX
1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट से पूरा देश दहल उठा था. मुंबई में 12 मार्च 1993 को सिर्फ दो घंटे के अंदर 12 बम धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 250 निर्दोष लोगों की जानें गई हैं. इन हमलों में इस्तेमाल किया जाने वाला RDX समुद्र के रास्ते ही भारत लाया गया था. मुंबई सीरियल ब्लास्ट का एक साजिशकर्ता अब्दुल सत्तार बाटलीवाला पकड़ा गया पर 23 साल बाद. तीन साल पहले 2019 में ATS को बाटलीवाला के कई ठिकाने का पता चला. सुराग हाथ लगा कि बाटलीवाला मुंबई के पॉश इलाकों में शुमार बांद्रा वेस्ट कॉलोनी में रह रहा है.
मुंबई सीरियल ब्लास्ट से कुछ महीनों पहले आईएसआई की मदद से सारी प्लानिंग की गई. बाटलीवाला तब तक दाऊद इब्राहिम गैंग के स्मलिंग सिंडिकेट का हिस्सा हो चुका था. जिसमें मुस्तफा मजनू, मोहम्मद दोसा और टाइगर मेमन जैसे खूंखार अपराधी शामिल थे. दाऊद इब्राहिम ही मुंबई सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है.
समुद्र के रास्ते आए थे 26/11 के आतंकी
26/11 में शामिल कसाब समेत 10 आतंकी भी रायगढ़ के समुद्र को क्रॉस करके मुंबई पहुंचे थे. एक थ्योरी ये भी सामने आई थी कि कसाब और उसकी टीम ने यहीं पर अपनी बोट बदली थी. करीब 13 साल पहले यानी 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुई था. आतंकियों ने ताज होटल समेत मुंबई के कई जगहों पर कत्लेआम मचा था. इसमें 300 से ज्यादा लोगों की जानें गई थीं. तब लश्कर-ए-तैय्यबा के 10 पाकिस्तानी आतंकी समुद्र के रास्ते ही यहां आए थे. जिनमें से 9 मारे गए थे, जबकि सिर्फ अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, 21 नवंबर 2012 को कसाब को फांसी दी गई थी.