
26 दिसंबर 1899 को कंबोज सिख परिवार में शेर सिंह के रूप में जन्मे, उधम सिंह एक भारतीय क्रांतिकारी थे. अपने माता-पिता दोनों की मृत्यु के बाद उधम सिंह अपने बड़े भाई मुक्ता सिंह के साथ अमृतसर के सेंट्रल खालसा अनाथालय पुतलीघर में रहने लगे. अनाथालय में रहने के दौरान, सिंह ने सिख दीक्षा संस्कार का संचालन किया और उनका नाम उधम सिंह रखा गया.
देश की आजादी की लौ दिल में जलाने वाले इस क्रांतिकारी ने वह काम किया जिसका सपना उस समय भारत मां का हर एक लाल देख रहा था. उधम सिंह ने ब्रिटिश भारत में पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल माइकल डायर की हत्या कर हजारों भारतीय परिवारों का बदला लिया था. आपको बता दें कि साल 1919 में क्रूर जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए डायर ही जिम्मेदार था.
लिया जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला
माना जाता है कि उधम सिंह ने अकेले ही जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लिया था. जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद, उधम सिंह ने बदला लेने की योजना शुरू की और हत्या की योजना बनाई. 13 मार्च 1940 को, माइकल ओ डायर लंदन के कैक्सटन हॉल में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और सेंट्रल एशियन सोसाइटी (अब रॉयल सोसाइटी फॉर एशियन अफेयर्स) की बैठक में थे.
परिसर में उधम सिंह एक किताब में छिपाकर रिवॉल्वर लेकर आए. किताब के पन्नों को बंदूक के आकार में काटकर उन्होंने रिवॉल्वर को छिपाया. जब डायर की बैठक समाप्त हुई, तो उधम सिंह ने बोलने वाले मंच की ओर चलते हुए डायर को दो बार गोली मारी. और डायर की मौके पर ही मौत हो गई.
उनके जीवन पर बनी बॉलीवुड फिल्म
आपको बता दें कि जनरल डायर को गोली मारने के बाद, सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें ब्रिस्टन जेल ले जाया गया. उधम सिंह, शहीद भगत सिंह को अपना 'गुरु' मानते थे. इस बहादुरी के बाद वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अमर क्रांतिकारी बन गए और उन्हें शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह कहा गया. भारतीय राज्य उत्तराखंड में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर एक जिला है, जिसे उधम सिंह नगर के नाम से जाना जाता है.
उनकी जीवनी पर साल 2021 की सबसे चर्चित फिल्म बनी- 'सरदार उधम.' इसमें विक्की कौशल, अमोल पाराशर, बनिता संधू और अन्य ने अभिनय किया. इस फिल्म को दर्शकों का बहुत प्यार मिला.