Aadhaar Update : आज आधार कार्ड एक जरूरी दस्तावेज बन चुका है. कोई भी छोटा बड़ा काम बिना आधार कार्ड के नहीं हो पाता. इसलिए UIDAI अब अस्पतालों में ही नवजात बच्चे के आधार कार्ड बनाने की सुविधा देने पर विचार कर रहा है. बच्चे के आधार कार्ड बनाने की सुविधा फिलहाल अस्पतालों में नहीं है. बता दें कि अस्पताल की डिस्चार्ज स्लिप से बच्चे का आधार कार्ड बनवाना होता है. इसके लिए आधार सेंटर पर जाना होता है.
इसी के मद्देनज़र UIDAI अब बच्चे को जन्म के साथ ही कंपलिट आधार कार्ड यानी बायोमैट्रिक के साथ आधार कार्ड देने की योजना बना रहा है. इसके लिए UIDAI बर्थ रजिस्ट्रार के साथ मिलकर यह सुविधा अस्पतालों में देने (Aadhar in Hospitals) पर काम कर रहा है. अस्पताल में ही यह सुविधा शुरू होने पर लोगों को काफी सहूलियत होगी और बच्चे का आधार कार्ड आसानी से बन जाएगा.
रोजाना पैदा होते हैं 2.5 करोड़ बच्चे
UIDAI के सीईओ (UIDAI CEO) सौरभ गर्ग का कहना है कि भारत में रोजाना करीब 2.5 करोड़ बच्चों का जन्म होता है. ऐसे में UIDAI की योजना है कि अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की फोटो खींचकर साथ ही साथ आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा. इससे बच्चे के मां-बाप को काफी सहूलियत होगी और उनका समय भी बर्बाद नहीं होगा. इस योजना के लिए UIDAI बर्थ रजिस्ट्रार के साथ मिलकर काम करेगा और इसके लिए बातचीत की जा रही है और जल्द ही इस मुद्दे पर एक बड़ा फैसला हो सकता है.
कितने साल के बच्चे को पड़ती है आधार कार्ड की जरूरत
अभी 5 साल से कम उम्र के बच्चों के आधार के लिए बायोमेट्रिक्स की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन जब उनकी उम्र 5 साल से ज्यादा हो जाती है तो उनका बायोमेट्रिक्स कराना जरूरी हो जाता है.
क्षेत्रीय भाषाओं में भी बनेगा आधार
UIDAI के सीईओ सौरभ ने बताया अब क्षेत्रीय भाषा में भी आधार कार्ड बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि गौरतलब है कि अभी देश में आधार कार्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में ही जानकारियां दी गई होती है लेकिन अब यह अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो सकेगा. जल्दी ही आधार कार्ड पर पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया, मराठी जैसी तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में कार्ड धारक का नाम और बाकी डिटेल्स देखने को मिल जाएंगी.