महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले 300 आदिवासी युवकों के जीवन को नई दिशा तब मिली जब उन्हें पुलिस विभाग द्वारा आयोजित रोजगार मेले में हॉस्पिटैलिटी और ऑटोमोबाइल सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया गया. गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि युवाओं को प्रशिक्षित करने और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए जिला पुलिस की पहल के तहत गुरुवार को रोजगार मेले का आयोजन किया गया था. उन्होंने कहा, "जिले के आदिवासी क्षेत्र के 300 उम्मीदवारों को रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र मिले. इन उम्मीदवारों को हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोबाइल, प्लंबिंग और वेल्डिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नियोजित किया जाएगा.
वाहनों की मरम्मत से लेकर सब्जी बनाने तक में दिया गया प्रशिक्षण
कुल 101 पुरुष और महिला उम्मीदवारों, जिन्होंने दो/चार पहिया वाहनों की मरम्मत, अचार, पापड़ और फास्ट-फूड सामग्री बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था, को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए किट दिए गए. इसके अलावा, 95 अन्य पुरुष और महिला उम्मीदवारों, जिन्हें सब्जी की खेती में प्रशिक्षण दिया गया था, को गुरुवार के कार्यक्रम में प्रमाण पत्र प्राप्त दिया गया. अंकित गोयल ने कहा कि 2021 की शुरुआत से, गढ़चिरौली पुलिस ने क्षेत्र के दूरदराज के गांवों के आदिवासी युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और उनके लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं.
196 लोगों को ऑटोमोबाइल में किया गया है प्रशिक्षित
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने अपने सहयोगियों के साथ इन्हें प्रशिक्षण दिया और ब्यूटी पार्लर के क्षेत्र में 70, मत्स्य पालन में 60, मुर्गी पालन में 293, सिलाई में 35, फोटोग्राफी में 35, सब्जी की खेती में 114, दो /चार पहिया मरम्मत में 235, हॉस्पिटैलिटी में 254, ऑटोमोबाइल प्रशिक्षण में 196 और नर्सिंग और अन्य क्षेत्रों में 1,143 उम्मीदवारों के लिए नौकरी या स्वरोजगार के अवसर पैदा किए. पुलिस, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, बीओआई स्टार और कृषि तंत्रज्ञान व्यवस्थापन (आत्मा) द्वारा संयुक्त रूप से यह प्रशिक्षण पहल की गई थी.