तीनों कृषि कानूनों को अब केंद्र सरकार जल्द से जल्द वापस लेने को लेकर विचार कर रही है. इसी के तहत आगामी बुधवार यानी 24 नवंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि कानूनों को वापस लेने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी. इस मुद्दे से परिचित लोगों संकेत दिया कि मंत्रिमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन कानूनों को निरस्त करने के लिए एक नए विधेयक को पेश करने पर चर्चा करने की उम्मीद है.
दरअसल, बीते शुक्रवार को गुरु परब के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि बिलों को वापस लेने के लिए अपनी सरकार के फैसले की घोषणा की थी. जिसके बाद से ही क्रिया-प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. सरकार ने संसद के मानसून के दौरान किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पेश किया था.
2020 के इस सत्र के बाद से ही इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग उठने लगी, जोकि लगभग एक साल तक चली. इस दौरान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सैकड़ों और हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हुए. हालांकि, पीएम मोदी की कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद भी दिल्ली के टिकरी सीमा पर हुई एक बैठक में, किसान संघों ने कहा कि 22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत और उद्घाटन के दिन संसद तक ट्रैक्टर मार्च जैसे निर्धारित कार्यक्रमों के साथ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
29 नवंबर से होना है शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session 2021) नवंबर के आखिरी हफ्ते यानी 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा. यह सत्र भी मानसून सत्र की तरह हंगामेदार होने की आशंका है. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इससे पहले कैबिनेट बैठक कर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है.
MSP को लेकर भी किसानों की मांग
सिंघू सीमा पर किसान नेताओं ने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समिति, मामलों को वापस लेने और लंबित बिजली बिलों की माफी की मांग जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखेंगे. इसमें लंबित मांगों का उल्लेख होगा - एमएसपी समिति, उसके अधिकार, इसकी समय सीमा, बिजली बिल 2020 और किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लेना. उन्होंने कहा कि इसमें लखीमपुर खीरी घटना से संबंधित मंत्री को बर्खास्त करने को लेकर भी मांग की जाएगी.
ये भी पढ़ें: