CRPF के हाईटेक K9 डॉग्स तीसरी आंख से अब नक्सल और आतंकी इलाकों में नज़र रखेंगे. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CRPF के डॉग स्क्वायड को K9" विज़न सिस्टम" से लैस करने का प्लान तैयार कर लिया है.
ऑपरेशन में दक्ष CRPF के कमांडो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर CRPF के डॉग कमांडो लगातार काम कर रहे हैं. चाहे जम्मू कश्मीर में आतंकियों के ख़िलाफ किया गया ऑपरेशन हो या फिर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन प्रहार हो. CRPF अब आतंकी ऑपरेशन में बेल्जियन मेलिनोइस किस्म के डॉग का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन अब जवानों को और ताक़त देने के लिए K 9 डॉग विजन सिस्टम लगाकर ऑपरेशन किया जायेगा. इसके जरिये आतंकी अगर कहीं पर छुपे हैं, तो उनको इस कैमरे में कैद करके लाइव विजुअल लिए जा सकते हैं. इस लाइव विजुअल के जरिये सीआरपीएफ के कमांडो उन आतंकियों की जानकारी लेकर उनको सीधे हिट कर सकते हैं.
कैसे काम करेगा K9 विजन सिस्टम?
बता दें कि फ्रांस अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के पास ऐसे सिस्टम मौजूद हैं.अब भारत में भी CRPF का कमांडो इस सिस्टम से लैस होगा. K9 विजन सिस्टम सीआरपीएफ और कोबरा कमांडो के पास मौजूद बेल्जियन मेलोनोइस किस्म के डॉग के ऊपर चश्मे के तरीके से लगा दिया जाएगा.
इस विजन सिस्टम में डॉग के ऊपर आंख पर दो कैमरे और एक कैमरा पीछे लगा होगा. जिसके जरिये जिस दिशा में डॉग को उसका हैंडलर भेजेगा, उस दिशा की पूरी वीडियो रियल टाइम पर कमांडो को मिलता रहेगा. यही नहीं 500 ग्राम के इस गॉगल नुमा विजन सिस्टम में डॉग के कान में एक कॉर्डलेस ईयर फ़ोन भी दिया रहेगा. उसके जरिये डॉग अपने हैंडलर से मिले निर्देश के आधार पर तुरंत ही दूसरी लोकेशन पर चला जायेगा.
सबसे खासबात ये है कि आतंकी और नक्सली अगर एक जगह से दूसरी जगह भाग रहा है, तो उसका हैंडलर उसको कान में दिए ईयर फ़ोन से उसका पीछा करने का निर्देश दे सकता है. जब डॉग उस आतंकी या संदिग्ध के पीछे दिए गए निर्देश के तहत भागेगा तो उस जगह का रियल टाइम वीडियो कमांडों को मिलेगी और ऑपरेशन करना आसान होगा.
K9 डॉग्स की संख्या CRPF में और बढ़ेगी
CRPF और कोबरा में 'बेल्जियन मालीनोइस' नस्ल के करीब 150 से ज्यादा ट्रेंड डॉग्स को रखा गया है. ये CRPF कमांडो के आतंकवाद निरोधक अभियान के आवश्यक अंग हैं. CRPF के खोजी कुत्तों के स्पेशल दस्ते 'के 9' में काम करने वाले फोर्स के अफसर ने कहा कि ये कुत्ते CRPF और कोबरा ऑपरेशन विंग में काफी सालों से काम कर रहे हैं.
दुनियाभर में स्पेशल फोर्स ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान में इन कुत्तों की अहमियत समझी है. बेल्जियन मेलोनोइस किस्म के ये डॉग बड़े सिर और चौड़ी नाक वाले बिना कोई गलती किए संदिग्ध लोगों, विस्फोटकों और आईईडी की गंध पहचान सकता है. यह कुत्ता अपने सिर के इशारे से बड़ी अच्छी जानकारी दे सकता है. यह अन्य खोजी कुत्तों की तरह भौंककर इशारा नहीं करता, जिससे संदिग्धों के सतर्क होने की आशंका होती है. सीआरपीएफ के सीनियर अधिकारियों के मुताबिक़ कमांडो अब तक जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर जैसे कुत्तों की मदद ऑपरेशन में लेते रहे हैं, लेकिन नई नस्ल के कुत्ते से उनके विशेष अभियान को और ज्यादा धार मिलेगी.