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Chakshu Portal: सरकार ने स्पैम कॉल्स से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लॉन्च किया चक्षु पोर्टल...साइबर अपराध पर लगेगी रोक

सरकार ने साइबर क्राइम और स्पैम कॉल से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. सरकार ने स्पैम कॉल्स को रिपोर्ट करने के लिए चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर आप संदिग्ध मैसेज, नंबर और फिशिंग के प्रयासों की रिपोर्ट कर सकेंगे जिनपर तुरंत एक्शन लिया जाएगा.

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केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) लॉन्च किया. इसे लॉन्च करने का उद्देश्य नागरिकों को मोबाइल फोन धोखाधड़ी से बचाना है.

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल पर इन दोनों ही प्लेटफार्म को लॉन्च किया. अगर आपके साथ कोई साइबर अपराध या फ्रॉड हो गया है तो उसे डीआईपी पर रिपोर्ट करें और अगर कोई ऐसा फोन आ रहा है जिससे आपको साइबर फ्रॉड या अपराध होने की आशंका है तो चक्षु प्लेटफार्म पर उसकी रिपोर्ट करें. भारत सरकार ने सभी मोबाइल फोन धारकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 16 मई 2023 को संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया था. पिछले साल मार्च में लॉन्च किए गए पोर्टल से सात लाख खोए और चोरी हुए मोबाइल फोन वापस पाने में मदद मिली है. 

ब्लाक होगा नंबर
चक्षु पोर्टल वॉलेट भुगतान, गैस कनेक्शन और जबरन वसूली से संबंधित किसी भी दूरसंचार-संबंधी अपराध की रिपोर्ट करने में भी मदद करता है.कोई भी यूजर जैसे ही इस पर रिपोर्ट करेगा तो रिपोर्ट करते ही पुलिस,बैंक जैसी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी और उन पर कुछ ही घंटों में कार्रवाई होगी. चक्षु पोर्टल पर किसी नंबर से फ्रॉड होने की आशंका की जानकारी देने पर उसकी पूरी पड़ताल के बाद ही उस नंबर को ब्लाक किया जाएगा.

क्या है चक्षु पोर्टल?
आपको जानकर सुरक्षित महसूस होगा कि जो इन पोर्ट्ल पर कंप्लेंट करेगा उसकी कोई डिटेल्स किसी के भी साथ शेयर नहीं की जाएगी.चक्षु पोर्टल का इस्तेमाल सस्पेक्टेड फ्रॉड वाले कम्युनिकेशन की रिपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसके जरिए आप लोग नंबर, फिशिंग और मैसेज अटेम्प्ट्स के बारे में रिपोर्ट कर सकेंगे. वहीं डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बैंकों और वॉलेट ऑपरेटर्स के बीच साइबर क्रिमिनल डेटा शेयर करने के लिए इंटर-एजेंसी कोशिश है.सरकार को भरोसा है कि ये दोनों प्लेटफॉर्म धोखाधड़ी की रोकथाम में मदद करेंगे. इनसे साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी आसान होगी. पहले ही विभाग ने संचार साथी पोर्टल के माध्यम से 18 लाख अनचाहे कॉल नंबर और संदिग्ध गतिविधियों में लगे 67 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं.