बुजुर्गों और रिटायर्ड लोगों के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (Face recognition Technology) लॉन्च की गयी है. इस तकनीक से लोगों की जिंदगी अब और आसान हो सकेगी. केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सोमवार को पेंशनभोगियों के लिए इस फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लॉन्च करते हुए बताया कि इससे लगभग 68 लाख सरकारी पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा. इसके साथ राज्य और ईपीएफओ के करोड़ों लोगों को भी फायदा मिलेगा.
आपको बता दें, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ यूआईडीएआई ने मिलकर इस तकनीक को तैयार किया है.
मिलेगा करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लॉन्च करते हुए कहा कि जीवन प्रमाण पत्र देने की ये फेस रिकग्निशन टेक्नीक एक ऐतिहासिक रिफॉर्म है, क्योंकि यह न केवल केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनभोगियों के जीवन को प्रभावित करेगी, बल्कि ईपीएफओ और राज्य सरकार जैसे विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर आने वाले करोड़ों पेंशनभोगियों के जीवन को भी प्रभावित करेगी.
पेंशन डिपार्टमेंट कर रहा है कई प्रयास
डॉ जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि पेंशन डिपार्टमेंट लोगों की जिंदगियां आसान करने के लिए व्यापक रूप से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है, फिर चाहे वह डिजिटल बर्थ-सर्टिफिकेट की शुरुआत हो या फिर पेंशन मामलों के प्रोसेस के लिए "भविष्य" नाम के सॉफ्टवेयर की शुरुआत करनी हो. इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ जारी करने और डिजी लॉकर जैसे कदम पेंशनभोगियों के जीवन को और भी सुगम और पारदर्शी बना रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, “विभाग पेंशनर्स को जागरूक करने के लिए ई-बुकलेट भी निकाल रहा है और ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान भी चला रहा है.”
पेंशन कोर्ट्स और ‘अनुभव’ का मिल रहा लोगों को फायदा
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि रिटायर्ड ऑफिसर्स के अनुभवों को दिखाने के लिए "अनुभव" नाम का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है जो अब हमारे लिए एक बहुत बड़ा आधार बन गया है. विभाग ने न केवल पेंशन कोर्ट्स को पेश किया बल्कि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल अदालतों को आयोजित करने के लिए तकनीक का फायदा भी उठाया है.