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असम सरकार का अनोखा फैसला, माता-पिता से मिलने के लिए मिलेगी 4 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी

असम सरकार ने एक महत्वपूर्ण और अनोखा फैसला लिया है. असम सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अगले साल जनवरी के महीने में अपने माता-पिता से मिलने के लिए चार दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है. यह छुट्टियां केवल उन कर्मचारियों को मिलेंगी,  जिनके माता-पिता या ससुराल वाले जीवित हैं.

Assam CM - Himanta Biswa Sarma Assam CM - Himanta Biswa Sarma
हाइलाइट्स
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की नई स्कूल प्रणाली को भी मिली मंजूरी

  • सिविल सेवा परीक्षा में अब नहीं देने पड़ेंगे अंग्रेजी और असमिया के पेपर

  • इससे पहले 2018 में लिया था इस तरह का फैसला 

बुधवार को असम सरकार ने एक महत्वपूर्ण और अनोखा फैसला लिया है. असम सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अगले साल जनवरी के महीने में अपने माता-पिता से मिलने के लिए चार दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है. असम के मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य सरकार ने अगले साल 6 और 7 जनवरी को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए छुट्टियों के रूप में घोषित किया है. इसके साथ ही 8 और 9 जनवरी को सामान्य अवकाश यानी महीने का दूसरा शनिवार और रविवार रहने के कारण छुट्टी होगी. यह छुट्टियां केवल उन कर्मचारियों को मिलेंगी,  जिनके माता-पिता या ससुराल वाले जीवित हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की नई स्कूल प्रणाली को भी मिली मंजूरी 

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने इस फैसले का कारण बताते हुए कहा, “मुझे काफी खुशी होगी अगर ये सभी अधिकारी नए साल की शुरुआत में अपने माता-पिता के साथ अच्छा समय बिता कर उनका आर्शीवाद लें ताकी इसके बाद वह राज्य के लिए भी अच्छे से काम कर सकें.” असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों और सभी तरह के पेंशन भोगियों के डीए/डीआर में हुई वृद्धि  1 जुलाई, 2021 से प्रभावी रूप से लागू हो चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने  2023 तक राज्य में एनईपी को लागू करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 की नई स्कूल प्रणाली को भी मंजूरी दे दी.

 सिविल सेवा परीक्षा में अब नहीं देने पड़ेंगे अंग्रेजी और असमिया के पेपर

राज्य मंत्रिमंडल ने एपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में लैंगुएज बैरियर को दूर करने के लिए एक अहम् फैसला लिया. आसाम सरकार ने अंग्रेजी और असमिया के पेपर को तीन शर्तों की पूर्ति के अधीन वापस ले लिया. इन शर्तों के अनुसार उम्मीदवार असम का निवासी होना चाहिए, असम के रोजगार कार्यालय में उसका नाम पंजीकृत होना चाहिए और वह असमिया या असम की अन्य मान्यता प्राप्त भाषाएं बोलने में कुशल होना चाहिए.

इससे पहले 2018 में लिया था इस तरह का फैसला 

इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने सभी कर्मचारियों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ समय बिताने के लिए हर साल एक अतिरिक्त छुट्टी देने का ऐलान किया था. इससे पहले  2018 में जब वह सर्बानंद सोनोवाल की सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर कार्यरत थे तो उन्होंने कहा था कि अगर सरकारी कर्मचारी अपने माता-पिता की देखभाल सही तरीके से नहीं कर पाते हैं तो उनके वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा सीधे उनके माता-पिता के अकाउंट में डाल दिया जाएगा.