किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों को 1 साल गुजारने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. आंदोलन की शुरुआत में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि आखिर खुली सड़क पर रात कैसे गुजारी जाए, ऐसे में किसानों के ट्रैक्टर और ट्रॉली उनकी उम्मीद बन कर सामने आए और वहीं से सड़क पर ट्रॉली में घर बनाने का सफर शुरू हुआ. आज हम ऐसे ही कुछ घरों के बारे में बात करेंगे जो बॉर्डर पर सबके आकर्षण का केंद्र बने रहे.
आकर्षण का केंद्र रहा नैनीताल हाउस
दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर ट्रकों में बने ये घर हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. इनके अंदर टीवी, एसी, समेत तमाम सुविधाएं होती थी. एक घर में तो गेट भी लगा हुआ था. इसमें एसी की भी सुविधा थी. सारी सुविधाओं से लैस इस घर को लोग नैनीताल हाउस भी कहते थे. ट्रक में बने मकान के मालिक सुरेंदर सिंह कहते है हमें रहना था तो सुविधा भी चाहिए थी. यहां रहने की कोशिश करनी थी तो हमने सड़क पर ये घर बना लिया.
ट्रक और ट्रॉली में बने 1 bhk फ्लैट
वहीं दूसरे ट्रकों या ट्रॉली को भी अलग-अलग तरह के घरों में तब्दील कर दिया गया. एक घर के बाहर ट्रक के पानी की टंकी थी और यह घर पूरा 1 bhk मकान लग रहा था. इस मकान के मालिक हरवीर कहते हैं कि हमारे लिए ट्रक में घर बनाना बड़ा मुश्किल था, पर रहना था तो हमने सभी सुविधाओं का ख्याल रखा. किसान आंदोलन के दौरान हर तरफ अलग-अलग तरह के ट्रक में बने मकान नज़र आएं. किसी ट्रक को कॉन्फ्रेंस रूम बना दिया गया तो किसी ट्रक को फ़ूड ट्रक. किसानों आंदोलन में इन अजब-गजब ट्रक में बने मकान ने लोगों को हैरान कर दिया.