उत्तर प्रदेश में आवारा पशु और निराश्रित गोवंश बड़ी समस्या है. अकसर ये किसानों की फसल को पूरो तरह से बर्बाद कर देते हैं जिससे किसानों का बहुत नुक़सान होता है. अब निराश्रित गोवंश से खेत को बचाने के लिए यूपी सरकार ने सोलर एनर्जी से संचालित होने वाले पैनल और बाड़े (solar powered fencing and panel)लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है. कृषि विभाग द्वारा तैयार किए इस प्रस्ताव के अनुसार सोलर पॉवर के बाड़े तैयार किए जाएंगे. इसमें 6 से 10 वॉट तक का करेंट होगा. ये भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि इसमें जो खर्चा आएगा उसका आधा विभाग वहन करेगा और आधा किसानों को देना होगा. अगर कुछ किसान इसको मिलकर लगा सकते हैं, तो इससा लाभ होगा.
गोवंश को भी नहीं होगा नुक़सान
सोलर पॉवर के बाड़े से फसल बचाने के पीछे मक़सद ये है कि इससे खेतों के करीब आने वाले निराश्रित गोवंशों का भी नुक़सान नहीं होगा. इसे छूने कर पशुओं को मामूली करेंट तो लगेगा पर वो उनको नुकसान नहीं करेगा. यानि खेत में ये पशु नहीं आ पाएंगे. खेतों के किनारे नुकीले तार के बाड़े और इलेक्ट्रिक फेंसिंग लगाना पहले से ही प्रतिबंधित है क्योंकि इससे गोवंशों को नुकसान होता है और बिजली का झटका लगने से कई पशुओं की मौत भी हो जाती है. लेकिन कई बार किसान अपनी फसल बचाने के लिए नुकीले तार से खेत को घेर देते हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले बना था बड़ा मुद्दा
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले निराश्रित गोवंश से किसानों को होने वाली समस्या बड़ा मुद्दा बना था जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनसभा में इसकी समस्या के समाधान के लिए किसानों को आश्वस्त करना पड़ा था. इसके बाद यूपी के दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद निराश्रित गोवंश को लेकर लगातार क़वायद चलती थी. हालाँकि उसका समाधान नहीं हो पाया. अब कृषि विभाग में ये प्रस्ताव तैयार किया है. फिलहाल इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि किसानों को सब्सिडी देकर सोलर फेंसिंग का काम पूरा किया जाए. पैसे का आकलन करने के लिए जल्द ही यूपी कैबिनेट की बैठक में ये प्रस्ताव लाया जा सकता है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इससे किसानों की बड़ी समस्या से न मिलेगी. किसानों की आय दुगुनी करने के साथ ही उनके फसल की सुरक्षा भी ज़रूरी है' निराश्रित गोवंश की समस्या को लेकर जहां किसान नुक़सान उठाते रहे हैं वहीं विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरता रहा है. निराश्रित गोवंश के लिए शेल्टर और अन्य कई योजना बनी पर इससे समाधान नहीं हो पाया. अब लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार इसका समाधान करना चाहती है.