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UP Local Body Polls: ट्रिपल इंजन सरकार की तैयारी में BJP, निकाय चुनाव में 44 फीसदी महिला उम्मीदवारों पर जताया भरोसा

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव चल रहे हैं. पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख भी बीत चुकी है. इस बार चुनाव में बीजेपी महिलाओं के लिए अलग रणनीति के साथ मैदान में उतरी है. बीजेपी ने इस बार अब तक करीब 44 फीसदी महिला उम्मीदवार मैदान में उतारा है. पार्टी ने ज्यादातार अपनी कोर महिला कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया है.

यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने 44 फीसदी महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने 44 फीसदी महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया

यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने पहले चरण की सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख पर बीजेपी उम्मीदवारों ने पर्चा भरा. घोषित सीटों के लिए बीजेपी ने ना सिर्फ आधी आबादी पर पूरा भरोसा जताया है, बल्कि 'ट्रिपल इंजन सरकार' बनाने के लिए महिलाओं को हिस्सेदारी भी दी है. अब तक घोषित 'नगर पालिका परिषद' के टिकटों में महिलाओं को करीब 44 प्रतिशत की भागीदारी मिली है. इतना ही नहीं, महिला वोटर्स तक पहुंचने के लिए अलग से रणनीति भी बनाई गई है.

कोर महिला कार्यकर्ताओं को मिला टिकट-
प्रथम चरण की सीटों पर नामांकन समाप्त होने से ऐन पहले बीजेपी ने अपनी बहुप्रतीक्षित सूची जारी कर दी. पार्टी ने 17 में से 10 नगर निगमों में प्रत्याशियों की घोषणा की है तो वहीं 99 नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों की घोषणा भी की है. नगर पालिका परिषदों की संख्या 199 है. पार्टी ने नगर पालिका परिषद में महिलाओं को 44 प्रतिशत टिकट दे कर नयी रणनीति के साथ सामने आई है. पार्टी ने ज्यादातर जगह अपनी कोर महिला कार्यकर्ताओं को ही प्रत्याशी बनाया है.
सोमवार को लखनऊ मेयर सीट पर प्रत्याशी सुषमा खरकवाल ने अपना नामांकन दाखिल किया. उनके नामांकन में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री गोपाल टंडन, विधायक राजेश्वर सिंह और विधायक नीरज बोरा शामिल हुए. इसके अलावा बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी कार्यालय में मौजूद रहीं. महिलाओं ने ढोल नगाड़े की थाप पर नाचकर जश्न मनाया. वो इस बात से उत्साहित थीं कि पार्टी ने उनके बीच से सामान्य महिला कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है. सुषमा खरकवाल 30 साल से ज्यादा समय से बीजेपी में ना सिर्फ सक्रिय रही हैं, बल्कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उन्होंने जमीन पर महिला कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए काम भी किया है. लखनऊ सीट महिला के लिए आरक्षित सीट है.
हालाँकि बीजेपी ने इस बार सिर्फ आरक्षित सीटों पर ही नहीं, बल्कि कई सामान्य सीटों पर भी महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है. खास तौर पर घोषित 99 नगर पालिका परिषद में पार्टी की ये रणनीति दिखाई पड़ रही है. इसमें ज्यादातर पार्टी की कोर महिला कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी के लिए पिछले कुछ समय से काम कर रही थीं. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में जिस तरह से महिला वोटरों को पार्टी की महिला विंग ने जोड़ा, उसको भी देख कर ये फैसला किया गया है. साथ ही योग्य प्रत्याशी के रूप में भी वो टिकट के लिए ज्यादा बेहतर साबित हुईं.

नगर पालिका में 44 प्रतिशत टिकट महिलाओं को-
बीजेपी ने प्रदेश में अब तक 99 नगर पालिका परिषद के लिए टिकट घोषित किए हैं. इसमें महिला प्रत्याशियों पर पार्टी का भरोसा साफ दिख रहा है. अवध क्षेत्र में आने वाले जिलों में 27 नगर पालिका परिषद अध्यक्षों के टिकट घोषित किए गए हैं. इसमें 13 महिलाओं को टिकट दिया गया है. यानि करीब 50 फीसदी टिकट महिलाओं को दिया गया है. काशी क्षेत्र की 10 नगर पालिकाओं में बीजेपी ने 5 सीटों यानि 50 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बना कर भरोसा जताया है. गोरक्ष क्षेत्र की 6 सीटों की घोषणा की गयी है, जिसमें से 3 महिलाओं के खाते में हैं. वहीं कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में 12 में से 5 सीटों पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के लिए महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है. ब्रज क्षेत्र की 10 में से 5 सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं पश्चिम क्षेत्र की 33 नगर पालिकाओं में से 12 टिकट महिलाओं को टिकट दिया गया है. नगर निकाय चुनाव में महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताने के बारे में पूछने पर पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा कहते हैं कि यही तो बीजेपी की विशेषता है. बीजेपी सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखती है. जो महिलाएँ पार्टी कार्यकर्ता हैं, उनको इस संगठन के काम का अनुभव है.
हालाँकि अभी सिर्फ पहले चरण की सीटों के ही टिकट घोषित हुए हैं. लेकिन शुरुआती चरण में ही इस तरह से टिकट बाँटने से महिलाओं में इस बात को लेकर उत्साह है. उनका कहना है कि जो महिलाएं ज्यादा समर्पित तरीके से काम कर सकती हैं, हमेशा से करती रही हैं, अब उन महिला कार्यकर्ताओं को राजनीतिक दल पहचान दे रहे हैं. अपनी सीट जीतकर महिलाएं मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार को ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. लखनऊ से मेयर पद की उम्मीदवार और 35 साल से पार्टी की कार्यकर्ता रहीं सुषमा खरकवाल कहती हैं कि महिलाएँ भी संगठन में कंधे से कंधा मिला कर काम करती हैं. मोदी-योगी की सरकार में सबसे ज्यादा लाभ भी महिलाओं को मिला है. अब स्थानीय स्तर पर भी महिलाएँ अपनी नेतृत्व की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। 

महिला वोटरों तक पहुंचने की रणनीति-
महिलाओं को आरक्षण से ज्यादा लाभ देने की पार्टी की स्ट्रैटेजी ये भी है कि पार्टी की नजर मिशन 2024 पद है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महिला लाभार्थियों का जबरदस्त समर्थन मिला था, जिसको बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में भी जारी रखना चाहती है. फिलहाल दूसरे चरण के प्रत्याशियों की अभी घोषणा होनी है, लेकिन बीजेपी के इस रुख से जहां पार्टी की महिला कार्यकर्ता उत्साहित हैं, वहीं महिला वोटरों को जोड़ने के लिए भी पार्टी ने अलग से रणनीति तैयार की है. पार्टी की महिला मोर्चा की कार्यकर्ता सुमन रावत कहती हैं कि ये भागीदारी महिला कार्यकर्ताओं की निष्ठा और उनके काम का नतीजा है और इससे आगे महिला कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा. ये एक अच्छी पहल भी है, क्योंकि हो सकता है कि इसको देखकर दूसरी पार्टियां भी अपने यहाँ महिलाओं को ज़्यादा मौक़ा दें.
यूपी में नगर निकाय चुनाव में 17 नगर निगम में मेयर (mayor) के पद के लिए, 199 नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के लिए और 554 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी ने पिछले नगर निकाय चुनाव में भी बड़ी जीत दर्ज की थी और 16 में से 14 नगर निगमों में मेयर पद पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल देश के सबसे बड़े प्रदेश में आधी आबादी को नगर निकाय चुनाव (local body election) में अपने हाथ में चाभी का इंतज़ार है.

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