उत्तर प्रदेश में एक नई मेगा सिटी बनने वाली है. न्यू नोएडा के लिए हरी झंडी दे दी गई है. ये शहर ग्रेटर नोएडा के पास में ही बनाया जाएगा. साल 2041 तक, न्यू नोएडा का विकास 209.11 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के 84 गांव शामिल होंगे. इस मेगा प्रोजेक्ट को औपचारिक रूप से दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के नाम से जाना जाएगा है. शहर का निर्माण 4 फेज में होगा, जिसमें हाउसिंग, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सभी सुविधाएं शामिल होंगी.
इसमें कई जगहों को टारगेट किया जाएगा
न्यू नोएडा के इस प्लान में गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के गांवों को टारगेट किया जाएगा. इस शहरी विकास में सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र I और II जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल किए जाएंगे. साथ ही अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े हाउसिंग और कमर्शियल क्षेत्र भी बनाए जाएंगे.
लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह क्षेत्र जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसवे जैसे इंडस्ट्रियल क्षेत्रों के पास मौजूद है.
न्यू नोएडा को बदलने वाले प्रमुख प्रोजेक्ट्स
DNGIR के आसपास का इन्फ्रास्ट्रक्चर कई बड़े प्रोजेक्ट्स में आएगा जो कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक को मजबूती देंगे. ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल टाउनशिप, बोराकी में मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH), और ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (MMLH) जैसे प्रोजेक्ट्स इस योजना का हिस्सा होंगे. इन परियोजनाओं का उद्देश्य परिवहन, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक कार्यक्षमता को सुदृढ़ बनाना है, जिससे व्यापार और आवासीय क्षेत्रों के बीच एक सहज प्रवाह स्थापित होगा।
सभी की हाउसिंग जरूरतों को पूरा किया जाएगा
शहर का अर्बन सिस्टम अच्छा हो इसके लिए, न्यू नोएडा के मास्टर प्लान में लगभग 13.44% क्षेत्र को रेजिडेंशियल उपयोग के लिए रिजर्व किया गया है. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से लेकर हाई इनकम ग्रुप (HIG) तक की हाउसिंग जरूरतों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया गया है. इंडस्ट्रियल एरिया के पास सस्ती हाउसिंग सुविधाएं भी प्राथमिकता में रहेंगी, लोग आसानी से उनके ऑफिस के पास रह सकें. वहीं योजना में 9% क्षेत्र को इंडस्ट्रियल वर्कफाॅर्स के घरों के लिए रिजर्व किया गया है.
चार फेज में बनाया जाएगा न्यू नोएडा
1. पहला फेज (2024-2028)
यह फेज 2024 में भूमि अधिग्रहण के साथ शुरू होगा, जिसमें 1,432.71 हेक्टेयर जमीन पर प्राथमिक सड़कें और रास्ता बनाया जाएगा.
2. दूसरा फेज (2028-2034)
साल 2028 तक, इस फेज में उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में चीजें बनाई जाएंगी. इसमें लगभग 3,136.69 हेक्टेयर जमीन या 15% क्षेत्र विकसित किया जाएग.
3. तीसरा फेज (2033-2039)
तीसरे फेज का ध्यान कमर्शियल यूनिट, बिजनेस सेंटर, और इंडस्ट्रियल एरिया के निर्माण पर केंद्रित होगा. पूर्वी पेरिफेरल रेलवे लाइन के साथ विशेष स्थानों पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे इस गलियारे को कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सेंटर में बदला जा सकेगा. इस चरण में लगभग 28% जमीन (5,908 हेक्टेयर) विकसित होने की उम्मीद है.
4. चौथा फेज (2037-2043)
आखिरी फेज साल 2037 से 2043 तक का होगा. इसमें न्यू नोएडा का इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा. इसमें पब्लिक स्पेस, एडवांस रेजिडेंशियल एरिया और दूसरे इंडस्ट्रियल क्षेत्रों को बनाया जाएगा. इस फेज का उद्देश्य पहले फेज में जो काम किया गया है, उसे और मजबूत बनाना है.
बता दें, सरकार का लक्ष्य न्यू नोएडा को एक ऐसे क्षेत्र में बदलना है जो आत्मनिर्भर हो. साथ ही जो लोगों के लिए रोजगार के नए विकल्प पैदा करे.