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यूपी का पुलिस उगलने वाला गांव, हर तीसरा घर पुलिस वाले का, अब UP Police में एक साथ हुआ 36 लोगों का सिलेक्शन

हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती का रिजल्ट सामने आया. पूरे उत्तर प्रदेश से 60,244 उम्मीदवारों का पुलिस में चयन हुआ है. प्रदेश में अलग-अलग शहर और गांवों से उम्मीदवारों का चयन हुआ है.

Uttar Pradesh Police Recruitment Uttar Pradesh Police Recruitment
हाइलाइट्स
  • इस गांव से 36 लोगों का पुलिस में चयन

  • गांव में 1 हजार से ज्यादा घर पुलिस वालों के हैं

हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती का रिजल्ट सामने आया. पूरे उत्तर प्रदेश से 60,244 उम्मीदवारों का पुलिस में चयन हुआ है. प्रदेश में अलग-अलग शहर और गांवों से उम्मीदवारों का चयन हुआ है. 

कुछ गांवों से कई लोगों का सिलेक्शन हुआ है. उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है जिसे पुलिस उगलने वाला गांव कहा जाता है. इस बार इस गांव से 36 लोगों को पुलिस में सिलेक्शन हुआ है. इसमें 12 लड़कियां भी शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश का सरूरपुर कला गांव का हर तीसरा पुलिस वाले का है. इस गांव में 1 हजार से ज्यादा घर पुलिस वालों के हैं. बिना किसी कोचिंग के इन बच्चों ने गांव का नाम रोशन किया है.

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पुलिस उगलता है ये गांव
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का सरूरपुर कला गांव को पुलिस उगलने वाला गांव कहा जाता है. इस गांव ने इस बार 36 नए पुलिसकर्मी दिए हैं. इस गांव की खासियत है कि यहां हर तीसरा घर पुलिसकर्मी का है. गांव की मिट्टी में देशभक्ति और सेवा भाव की खुशबू है जो यहां के युवाओं को प्रेरित करती है. इस गांव की 12 लड़कियों ने भी यूपी पुलिस में चयनित होकर गांव का नाम रोशन किया है.

सरूरपुर कला गांव की मिट्टी में कानून बोया जाता है और पुलिस नाम की फसल काटी जाती है. इस गांव में घुसते ही देशभक्ति और सेवा भाव की खुशबू महसूस होती है. गांव की कुल आबादी 20 हजार है. इस गांव में 1 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घर हैं.

कठिन परिस्थितियों में सफलता
गांव के बच्चों ने कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत कर सफलता पाई है. यहां के बच्चों के पास न तो पढ़ने के लिए लाइब्रेरी है, न प्रैक्टिस करने के लिए अच्छा ग्राउंड और न ही कोचिंग की सुविधा है. 

इनके पास जज्बा, हौसला, हिम्मत, मेहनत और खुद को साबित करने का संकल्प है. गांव की 12 लड़कियों ने यूपी पुलिस में चयनित होकर गांव का नाम रोशन किया है. इन लड़कियों में शैली, नेहा, कोमल, अंजलि और दीपा शामिल हैं. इन लड़कियों ने कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत कर सफलता पाई है.

पुलिस में जाने का जज्बा
अर्जुन और शुभम भी गांव के उन 36 लड़के-लड़कियों में से हैं जिनका यूपी पुलिस में सिलेक्शन हुआ है. अर्जुन ने बीए पास कर पुलिस की तैयारी शुरू की लेकिन घर की तंगी हालत को देखते हुए उन्हें प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना पड़ा. शुभम ने भी कठिन परिस्थितियों में मेहनत कर सफलता पाई.

गांव की लाइब्रेरी
सरस्वती लाइब्रेरी ने गांव के बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद की है. इस लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले 50 लड़के-लड़कियों में से 15 पुलिसकर्मी बन गए हैं. इस लाइब्रेरी का मकसद है कि कोई भी बच्चा तंगी की वजह से अपने सपनों को न मारे. गांव के बच्चों ने सड़क पर दौड़ लगाकर प्रैक्टिस की है.

यहां के टूटे-फूटे ग्राउंड पर दौड़ लगाने से चोट का खतरा बना रहता है लेकिन बच्चों ने हिम्मत और हौसले से प्रैक्टिस कर यूपी पुलिस का फिजिकल एग्जाम पास किया. गांव वालों को अपने इन होनहार बच्चों पर बहुत गर्व है. अभाव में भी ये गांव का नाम रोशन कर रहे हैं. पुलिस उगलने वाली इस मिट्टी ने इस बार 36 पुलिसवाले दिए हैं. अब इन युवाओं के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है कि वे अपने सपनों को पूरा करें और पुलिस की इमेज को और बेहतर बनाएं.