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UP Politics: PM Modi से मुलाकात से पहले सहयोगियों की नाराजगी दूर करने में जुटे CM Yogi Adityanath, जानें उपचुनाव के लिए क्या है तैयारी

बीजेपी (BJP) लगातार लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली हार की समीक्षा कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पीएम मोदी को अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं. जबकि संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी रिपोर्ट सौंपेंगे. माना जा रहा है कि 29 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पीएम मोदी से होने वाली है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ सारी खामियों को दूर करनें जुटे गए हैं.

CM Yogi Adityanath (Photo/PTI) CM Yogi Adityanath (Photo/PTI)

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार की लगातार समीक्षा हो रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ की पीएम मोदी से मुलाकात होने वाली है. इससे पहले मुख्यमंत्री सबकुछ दुरुस्त करने में जुटे हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात 29 जुलाई को दिल्ली में होगी. उसके पहले उत्तर प्रदेश के चुनाव की समीक्षा रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी प्रधानमंत्री को दे चुके हैं. 25 और 26 जुलाई को देशभर के संगठन महामंत्रियों की बैठक चल रही है. उसमें भी यूपी के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह अपनी रिपोर्ट देंगे और केंद्रीय नेतृत्व उनसे भी यूपी में हार की वजह जानेगा.

पीएम को समीक्षा रिपोर्ट दे सकते हैं योगी-
एक के बाद एक लगातार विधायक और दूसरे जनप्रतिनिधि योगी सरकार के कामकाज के तौर तरीके और खासकर बेलगाम अफसरशाही पर सवाल उठा रहे हैं. हर दिन एक- दो विधायक या जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाता दिखाई देता है. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पीएम की मुलाकात के पहले कांटे दुरुस्त करने की तैयारी कर ली है. चर्चा है कि एक रिपोर्ट संगठन यानी प्रदेश अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को दे दी है तो दूसरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं.

हार के बाद योगी आदित्यनाथ एक्टिव-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव में हुई हार के बाद से मिशन मोड में एक्टिव हैं. उन्होंने विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव के लिए अपनी तरफ से प्रबंधन का काम शुरू किया कर दिया है. उन्होंने सुपर 30 मंत्रियों की एक टीम बनाई थी, जो उपचुनाव वाली सीटों की जमीनी समीक्षा रिपोर्ट सौंप चुकी है. कौन सी सीट मजबूत है, जिसे जीता जा सकता है और कौन से उम्मीदवार को कहां से लड़ाया जाए? इस रिपोर्ट में इन चीजों का जिक्र है. संगठन के समानांतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन चुनाव में अपनी तरफ से तैयारी कर ली है.

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अब अपने ऊपर हो रहे हमले को देखते हुए उन्होंने विधायकों और जनप्रतिनिधियों से लगातार मुलाकातें शुरू की है. जिसमें सभी की समस्याओं को सुनना, समझना और उसे दूर करना शामिल है, ताकि विधायक और दूसरे जनप्रतिनिधि उनके साथ खड़े हो सकें.

मुख्यमंत्री की लगातार मीटिंग चुनाव में मिली हार की समीक्षा को लेकर है, ताकि जब प्रधानमंत्री उनसे कुछ सवाल करें तो वह जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार तक का फीडबैक दे सकें.

नाराजगी दूर करने में जुटे सीएम-
राजनेताओं को मनाने की कवायद भी मुख्यमंत्री कर रहे हैं. सभी विधायकों, मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनकी शिकायतें सुन रहे हैं, उनकी परेशानी समझ रहे हैं. ज्यादातर विधायकों को अफसरों के कामकाज से शिकायत है और सभी ने हार की यही वजह बताई है.

मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती विधायकों को अपनी तरफ रखने की है, ताकि विधायकों का कोई बड़ा गुस्सा उनके खिलाफ ना फूटे और वो संतुष्ट हों.

योगी आदित्यनाथ से नाराज रहने वाले सहयोगी दलों के भी मुखिया ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद दोनों के सुर बदले हैं और दोनों अब अपनी सरकार से किसी तरह की शिकायत ना होने की बात कह रहे हैं.

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे से खफा है. ऐसे में अलग-अलग समीक्षा रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी गई है. अब बारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है. क्या वह प्रधानमंत्री को अपनी बातों से संतुष्ट कर पाते हैं या नहीं. इसपर सबकी नजर रहेगी.

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