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UP Politics: सूबे में 'पीडीए चर्चा' कार्यक्रम करेगी समाजवादी पार्टी, जानें क्या है प्लान

PDA Charcha: साल 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में पीडीए चर्चा कार्यक्रम आयोजित करेगी. ये कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा. यह प्रोग्राम 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक चलेगा. पीडीए चर्चा हर विधानसभा क्षेत्र में होगी. इसमें पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि, संगठन के सभी पदाधिकारी और आनुषांगिक संगठनों के सभी पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल होंगे.

Akhilesh Yadav Akhilesh Yadav

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 के लिए समाजवादी पार्टी ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है. पार्टी ने सूबे की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 'पीडीए चर्चा' कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. यह कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा. यह कार्यक्रम संविधान को बचाने और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है.

समाजवादी पार्टी की 'PDA चर्चा'
समाजवादी पार्टी का यह यह कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा. यह कार्यक्रम आज यानी 26 दिसंबर से शुरू होगा और 25 जनवरी तक चलेगा. समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के मुताबिक एक महीने तक उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में सेक्टरवार 'पीडीए' (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) चर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जिसका मकसद अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना और संविधान को बचाना है.

चर्चा में कौन-कौन होगा शामिल
राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि ‘पीडीए चर्चा’ के कार्यक्रम में पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि, संगठन के सभी पदाधिकारी और आनुषांगिक संगठनों के सभी पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इन चर्चा कार्यक्रमों में मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा. साथ ही सामाजिक न्याय, आरक्षण, बेरोजगारी, महंगाई, जाति जनगणना और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होगी. उनके मुताबिक, इसके अलावा पीडीए समाज को अधिकार और भागीदारी से अवगत कराकर उन्हें एकजुट किया जाएगा.

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राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि संसद में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्तव्य में अंबेडकर का अपमान किया. अंबेडकर ने भारत का संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई. ये प्रभुत्ववादी (बीजेपी) हमेशा से आंबेडकर के विरोधी रहे हैं. प्रभुत्ववादियों ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के ’सबकी बराबरी’ के सिद्धांत को कभी स्वीकार नहीं किया.

PDA की बदौलत 37 सीटों पर मिली जीत-
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि आंबेडकर ने सामंतवादी व्यवस्था को तोड़ने के लिये शुरू से आवाज ही नहीं उठाई, बल्कि जब देश आजाद हुआ तो संविधान बनाकर उत्पीड़ित, पिछड़ा, दलित तथा अल्पसंख्यक समाज को अधिकार दिया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए को एकजुट करने के निर्देश को मानते हुए लगातार पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और पीड़ित समाज के साथ मिलकर काम किया और इसी वजह से गत लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 37 सीट पर जीत मिली और पार्टी देश में तीसरे नंबर की पार्टी बनने में सफल रही.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की इस सफलता से परेशान होकर ‘सामन्तशाही’ प्रवृत्ति के लोगों ने अंबेडकर का अपमान करके पीडीए समाज को आपस में बांटने का कुत्सित प्रयास करने की साजिश रची. उन्होंने कहा कि ऐसे में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पीड़ित व्यक्तियों तक अंबेडकर के विचारों को पहुंचाने, उन्हें एकजुट करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराना जरूरी है.

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