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UP Politics: विधानसभा में किसको मिलेगी अखिलेश यादव की जगह? नेता प्रतिपक्ष के लिए किसके नाम की चर्चा, जानें

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है. बताया जा रहा है कि जल्द ही अखिलेश यादव विधायक दल की बैठक बुलाने वाले हैं. नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं. इसमें शिवपाल यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसके अलावा इंद्रजीत सरोज, तूफानी सरोज, मनोज पारस, राम अचल राजभर और आरके वर्मा का नाम पर भी चर्चा हो रही है.

Akhilesh Yadav (Photo/PTI File) Akhilesh Yadav (Photo/PTI File)

कन्नौज से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. उसके बाद से लगातार चर्चा चल रही है कि अखिलेश यादव इस पद पर किसको बैठाएंगे? क्या वो पीडीए की रणनीति पर आगे बढ़ेंगे या फैमिली का दबाव हावी रहेगा? दरअसल यह चर्चा चल रही है कि जिस तरीके से 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने PDA को लेकर रणनीति तैयार की, उसी रणनीति पर वह आगे बढ़ेंगे. यानी विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, इस पर भी पीडीए की छाप दिखाई देगी.

साल 2027 विधानसभा चुनाव पर नजर-
नेता विपक्ष का चेहरा चुनने के लिए जल्द ही अखिलेश यादव अपने विधायक दल की बैठक बुलाने वाले हैं और इस विधायक दल की बैठक में वरिष्ठता और विधायकों के फीडबैक के आधार पर पार्टी का विधानमंडल दल में नेता और विपक्ष का चेहरा तय होगा.

चर्चा है कि समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की जगह किसी दलित चेहरे को नेता विपक्ष बना सकती है. जिस तरीके से साल 2024 के चुनाव में अयोध्या में दलित चेहरे अवधेश प्रसाद का प्रयोग अखिलेश यादव ने किया और वह जीत ना सिर्फ बीजेपी के सीने में खंजर की तरह चुभा, बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बन गया. ऐसे ही अखिलेश यादव 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए नेता विपक्ष का चेहरा भी चुनना चाहते हैं. लेकिन माना जा रहा है उनकी इस राह में उनके चाचा शिवपाल यादव की महत्वाकांक्षाएं आड़े रही है.

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कौन हो सकता है नेता प्रतिपक्ष-
सिर्फ दलित ही नहीं, बल्कि चर्चा इस बात की भी हो रही है कि क्या अखिलेश यादव की जगह कोई दूसरा गैर यादव ओबीसी चेहरा नेता विपक्ष बन पाएगा. तीसरी और आखिरी चर्चा यह है कि क्या मुसलमान का एकमुश्त वोट लेने वाले अखिलेश यादव, नेता विपक्ष  की कुर्सी पर क्या किसी मुस्लिम चेहरे को बिठा सकते हैं.

यह सब सवाल पार्टी के भीतर चल रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ता इसकी चर्चा भी कर रहे हैं और अखिलेश के करीबियों में भी इस बात को लेकर गहमागहमी है.

इंद्रजीत सरोज के नाम की चर्चा-
दलित चेहरे के तौर पर इंद्रजीत सरोज चर्चा है. वो कई बार सांसद, विधायक और मंत्री रह चुके हैं, दलित चेहरे के तौर पर उनका नाम सबसे आगे है. हालांकि कुछ साल पहले तक वह बीएसपी के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाते थे. दूसरा नाम तूफानी सरोज का है, यह भी दलित समुदाय के पासी बिरादरी से आते हैं और समाजवादी पार्टी के पुराने दलित चेहरे हैं. पूर्वांचल में इनकी पकड़ है. माना जा रहा है कि पार्टी उनके नाम पर भी विचार कर सकती है.
जाटव चेहरों में मनोज पारस, महेंद्र कुमार और राजेंद्र कुमार इसमें सबसे प्रमुख है. मनोज पारस पुराने और मूल समाजवादी पार्टी के कैडर हैं.

मुस्लिम को मौका मिलने का चांस कम-
यूँ तो मुस्लिम चेहरे के तौर पर भी कई नाम हैं, जो वरिष्ठ भी हैं और मूल रूप से समाजवादी भी हैं. लेकिन पार्टी के भीतर इस चर्चा को ज्यादा प्रभावी नहीं माना जा रहा है कि कोई मुस्लिम चेहरा नेता विपक्ष बनेगा. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना यह है कि अगर योगी के सामने नेता विपक्ष के तौर पर किसी मुस्लिम चेहरे को खड़ा किया गया तो बीजेपी के लिए फिर सियासी ध्रुवीकरण आसान होगा. ऐसे में मुस्लिम चेहरों के लिए अलग-अलग पद दिए जा सकते हैं.

शिवपाल यादव का नाम भी चर्चा में-
ओबीसी में गैर यादव चेहरे के तौर पर राम अचल राजभर, आरके वर्मा का नाम सामने आया है, वहीं, सबसे ज्यादा चर्चा शिवपाल यादव की है. माना जा रहा है कि शिवपाल यादव की पूरी कोशिश है कि वह विपक्ष का नेता बनें. क्योंकि अब उनसे ज्यादा वरिष्ठ कोई भी नेता सदन में नहीं है. शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी में सिर्फ वरिष्ठ ही नहीं हैं, बल्कि पार्टी संगठन में उनकी पकड़ भी मजबूत है. बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों से मुलाकात में इस पद की इच्छा भी जताई है. लेकिन आखिरी फैसला अखिलेश यादव को करना है.

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