
बहुजन समाज पार्टी में आकाश आनंद को लेकर एक बार फिर समीकरण बदल गए हैं. पार्टी में उनका रुतबा बढ़ गया है. पिछले दिनों में ऐसा क्या हुआ कि एक बार फिर आकाश आनंद मायावती के करीब आ गए और मायावती ने अपने कैडर के कुछ लोग और संगठनों को चेतावनी दे डाली कि आकाश आनंद के खिलाफ कोई भी फिजूल की बातें बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यही नहीं, मायावती ने अपने कैडर से कहा कि आकाश का हौसला बढ़ाएं.
आकाश पर बार-बार बदल रहा है रूख?
आकाश आनंद पर बार-बार बदलते रुख से मायावती को जानने वाले भी हैरान है कि आखिर मायावती क्यों बार-बार आकाश आनंद को पार्टी, परिवार और उत्तराधिकार से बेदखल करती हैं और फिर सब कुछ सौंप देना चाहती हैं.
क्या बार-बार आकाश आनंद की वह अग्नि परीक्षा ले रही हैं या फिर आकाश को बड़ी लड़ाई के लिए तैयार कर रही है या किसी और में वह भरोसा नहीं कर पा रही.
सियासी जानकारों की माने तो मायावती अपने हाथ से गढ़ी गई अपनी मूरत को तोड़ना नहीं चाहती, ना ही किसी दूसरे में वह इतना विश्वास जमा पा रही हैं. मायावती और इस परिवार को नजदीक से जानने वाले यह जानते हैं कि मायावती ने आकाश आनंद को बचपन से ही बसपा के उत्तराधिकारी के तौर पर गढ़ा है और तैयार किया है. ऐसे में उम्र की इस पड़ाव पर और पार्टी के अवसान के हालात में मायावती किसी नए घोड़े पर दांव लगाने के मूड में नहीं हैं. इसीलिए बार-बार आकाश आनंद को झटका देने के बाद भी उनमें ही अपना विश्वास भी जता रही हैं.
पिछले एक महीने में क्या हुआ?
कहा जा रहा है कि पिछले 1 महीने में मायावती के अपने परिवार में यानी मायावती उनके भाई आनंद कुमार और उनके भतीजों के बीच बहुत कुछ बदला है. याद करिए जब मायावती आकाश से नाराज हुई थी, तब उन्होंने आकाश के छोटे भाई ईशान आनंद को आगे करने की कोशिश की, तब लखनऊ में ही ईशान आनंद को भी पार्टी की मीटिंग में बुलाया गया और पार्टी कैडर के साथ उन्हें भी जोड़ने की कोशिश हुई. लेकिन मायावती को लग गया कि फिलहाल ईशान की दिलचस्पी सियासत में नहीं है.
यही नहीं, पिछले हफ्ते में ईशान आनंद की शादी भी हुई. जिसमें मायावती भी शरीक हुई और पूरा परिवार भी शामिल रहा. कहते हैं कि मायावती ने आकाश आनंद की शादी खुद तय कराई थी और जहां मायावती ने शादी तय कर दी, आकाश आनंद ने शादी कर ली. लेकिन ईशान को लेकर ऐसा नहीं हुआ. ईशान आनंद ने जाति की बेड़ियों को तोड़कर शादी की है.
आकाश से नाराजगी, लेकिन भरोसा भी-
मायावती इस बात को महसूस कर रही हैं कि बेशक वह अपने भतीजे आकाश से नाराज होती हों, लेकिन आकाश आनंद ने उनके किसी बात को कभी काटा नहीं है, ना ही सियासी तौर पर कभी मायावती से अलग लाइन आकाश ने ली है.
मायावती को जानने वाले ये भी कह रहे हैं कि बार-बार पार्टी और उत्तराधिकारी से आकाश आनंद को अलग कर मायावती सचमुच उनकी परीक्षा ले रही है कि विपरीत परिस्थितियों में क्या आकाश बहुजन के मिशन से डिगते हैं या नहीं, और बार-बार आकाश उनकी परीक्षा में खरे उतर रहे हैं.
हाल के दिनों में मायावती अब धीरे-धीरे कर आकाश को पार्टी में मुख्य धारा में दोबारा ला रही हैं और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही आकाश को दोबारा से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. आकाश की तीसरी बार की वापसी पर पूरे पार्टी का भविष्य टिका है. सवाल यही है कि क्या आकाश 2027 उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए क्या पार्टी के खेवनहार होंगे.
ये भी पढ़ें: