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Upcoming Projects: गंगा एक्सप्रेसवे से लेकर जेवर एयरपोर्ट तक, साल 2025 में पूरे हो सकते हैं ये बड़े प्रोजेक्ट्स

साल 2025 में देश में कई एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट और फ्रेट कॉरिडोर आदि का काम पूरा हने की संभावना है. इन प्रोजेक्ट्स से लोगों को काफी राहत मिलेगी.

Jewar Airport Jewar Airport
हाइलाइट्स
  • मेरठ-प्रयागराज की दूरी कम करेगा गंगा एक्सप्रेसवे 

  • देश को मिलेंगे 3 नए फ्रेट कॉरिडोर

साल 2025 देश की तरक्की को और ज्यादा गति देने वाला साबित होगा. आपको बता दें कि इस साल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं पूरी होने की संभावना हैं. इन परियोजनाओं से परिवहन आसान होगा और लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी. 

अप्रैल में शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट
साल 2025 में उत्तर प्रदेश को एक और एयरपोर्ट की सौगात मिल सकती है. माना जा रहा है कि नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में उड़ान शुरु हो जाएंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से संवाद के दौरान अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री के हाथों जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करवाने का दावा किया. नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में कहा जाता है कि ये एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है. 

इतना ही नहीं इसे विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी माना जा रहा है. जेवर एयरपोर्ट के बन जाने से दिल्ली-NCR में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को भी राहत मिलेगी. फिलहाल दिल्ली-NCR के पूरे हवाई यात्रा का बोझ अकेले इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर है. जेवर एयरपोर्ट के बन जाने से इसका बोझ भी हल्का होगा.

ढाई घंटे में दिल्ली से देहरादून
देश की राजधानी दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक का सफर मात्र ढाई घंटे में पूरा होने का सपना 2025 में पूरा होने जा रहा है. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम लगभग पूरा हो चुका है और उम्मीद की जा रही है कि फरवरी 2025 में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे आम जनता के खोल दिया जाएगा. देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे की खास बात यह होगी कि इस हाईवे पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा. यानी इस मार्ग पर टोल टैक्स का नया नियम लागू होगा. नए नियम के मुताबिक आपको उनता ही पैसा देना होगा, जितने हाईवे पर आप चलोगे. अभी तक दिल्ली और देहरादून का जो सफर छह से सात घंटे में पूरा होता है, उसका समय भी घटकर ढाई से तीन घंटे हो जाएगा.

मेरठ-प्रयागराज की दूरी कम करेगा गंगा एक्सप्रेसवे 
2025 में मेरठ को कुंभनगरी प्रयागराज से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे तैयार हो सकता है. एनसीआर-दिल्ली और पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे माना जा रहा है, जो एनसीआर क्षेत्र में आने वाले मेरठ से सीधा प्रयागराज को जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी, जो यूपी के 12 जिलों से गुजरेगा. 6 लेन इस लंबे एक्सप्रेस-वे की मदद से अब मेरठ से प्रयागराज जाने में सिर्फ 8 घंटे का वक्त लगेगा, जहां पहले 11 घंटे का वक्त लगता था.

अब इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश सीधा जुड़ सकेगा. गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य 66 प्रतिशत पूरा हो गया है. बाकी 34 प्रतिशत का कार्य भी जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि सीएम योगी के इस महत्वकांक्षी प्रयोजना का काम नवंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा.

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की सौगात
आगरा-अलीगढ़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण मार्च 2025 से शुरू होगा. 65 किमी लंबे चार लेन के एक्सप्रेसवे निर्माण पर 3200 करोड़ खर्च किए जाएंगे. एक्सप्रेसवे बनने से आगरा से अलीगढ़ पहुंचने का समय ढाई घंटे से घटकर एक घंटे का रह जाएगा. एक्सप्रेस वे आगरा, हाथरस और अलीगढ़ जिले की बाहरी सीमा से होकर गुजरेगा. इससे नई दिल्ली, आगरा, ग्रेटर नोएडा आने-जाने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड एक्सप्रेसवे
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले 519 किलोमीटर के हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण कार्य साल 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ये कॉरिडोर उत्तर प्रदेश बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा, जिससे न सिर्फ आना-जाना आसान होगा बल्कि कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा. इस हाई स्पीड कॉरिडोर का उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी, बिहार में 416.2 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी हिस्सा पड़ेगा.

देश को मिलेंगे 3 नए फ्रेट कॉरिडोर
नए साल में देश को तीन नए डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर मिल सकते हैं- इनमे दो ईस्ट कॉरिडोर और तीसरा नार्थ साउथ कॉरिडोर शामिल है. तीनों कॉरीडोर की कुल लम्बाई 4315 किलोमीटर होगी. ईस्ट कॉरीडोर के तहत खड़गपुर-विजयवाड़ा कॉरीडोर तैयार होगा, दूसरा कॉरीडोर पालघर-भुसावल और दानकुनी के बीच होगा. जबकि तीसरा कॉरीडोर इटारसी विजयवाड़ा के बीच बनेगा.

अलीगढ़ को मिलेगा डिफेंस कॉरिडोर
साल 2025 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का डिफेंस कॉरिडोर भी शुरू होगा. यहां की सभी 33 फैक्टरियों में शस्त्र और उनके पुर्जे बनने शुरू हो जाएंगे. डिफेंस कॉरिडोर में ड्रोन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और छोटे अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण शुरू हो जाएगा. इससे करीब नौ हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा.