
संघ लोक सेवा आयोग के नतीजे घोषित हो गए हैं. इस बार बिजनौर की जिला पंचायत राज अधिकारी दमनप्रीत अरोड़ा ने 103वीं रैंक प्राप्त किया है. दमनप्रीत अरोड़ा मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं और वर्तमान में बिजनौर के विकास भवन में 19 दिसंबर 2024 से डीपीआरओ के पद पर कार्यरत हैं. रिजल्ट आने पर सहयोगियों ने उनको बधाई दी और मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया.
पिता अफसर, मां हाउसवाइफ-
दमनप्रीत ने बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ से स्कूलिंग की है और पंजाब यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उनके पिता पंजाब स्टेट में अफसर हैं, जबकि मां गृहिणी हैं. दमनप्रीत के भाई गुरुग्राम में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. परिवार की प्रेरणा और समर्थन से उन्होंने 2017 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी.
बिना कोचिंग के मिली सफलता-
साल 2020 में उनका चयन राज्य पीसीएस में हुआ, लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। इसीलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी। साल 2021 से डीपीआरओ के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की. खास बात यह रही कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यह सफलता हासिल की.
फैमिली का मिला साथ-
दमनप्रीत बताती हैं कि इस सफलता का पूरा श्रेय उनके माता-पिता और भाई को जाता है.उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मेरे साथ थे, जब रिजल्ट आया. सबसे पहले मैंने अपनी मौसी और एसडीएम पद पर कार्यरत चाचा को फोन कर यह खुशखबरी दी.
महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण जरूरी-
दमनप्रीत से भविष्य की योजनाओं को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण और समावेशी विकास पर विशेष ध्यान देना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं को आर्थिक आज़ादी नहीं मिलती, तब तक वो असल मायनों में सशक्त नहीं हो सकतीं.
यूपीएससी में चयन के बाद उन्हें पूरे इलाके से बधाइयां मिल रही हैं. उनका यह सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है.
(बिजनौर से ऋतिक राजपूत की रिपोर्ट)
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