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Usri Chatti Case: आधुनिक हथियारों से फायरिंग, Mukhtar Ansari की गाड़ी को घेरकर बरसाई गई थी गोलियां, ट्रक में छिपे थे हमलावर... क्या था उसरी चट्टी कांड, जब Brijesh Singh के निशाने पर था माफिया

Mafia Mukhtar Ansari: आज से 23 साल पहले 15 जुलाई 2001 गाजीपुर में उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला हुआ था. इस हमले में मुख्तार की गाड़ी को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. इस हमले में 3 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 8 लोग जख्मी हुए थे. इस मामले में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को आरोपी बनाया गया था.

Mukhtar Ansari Mukhtar Ansari

माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई है. गुरुवार रात साढ़े 8 बजे तबीयत बिगड़ने पर अंसारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका. मुख्तार अंसारी से जुड़े कई किस्से हैं. एक वाक्या 23 साल पहले हुआ था, जब मुख्तार के काफिले पर घेरकर हमला किया गया था. उस हमले में 400 राउंड गोलियां चली थीं. उस हमले में माफिया ब्रजेश सिंह का नाम सामने आया था. चलिए आपको उसरी चट्टी कांड के नाम से मशहूर उस वारदात के बारे में बताते हैं.

उसरी चट्टी पर हुआ था हमला-
साल 2001 का जुलाई महीना मुख्तार अंसारी के लिए मुसीबत लेकर आया था. 15 जुलाई को मुख्तार पर जानलेवा हमला हुआ था. उस दिन माफिया अंसारी अपने काफिले के साथ मोहम्मदाबाद से निकला था, इस दौरान उसरी चट्टी पर रेलवे फाटक पर उसकी गाड़ी को घेर लिया गया था. काफिले की कुछ गाड़ियां रेलवे फाटक के एक तरफ और कुछ गाड़ियां दूसरी तरह रह गई थीं. इस दौरान एक ट्रक में छिपे हमलावरों ने मुख्तार का गाड़ी पर हमला बोल दिया था.

आधुनिक हथियारों से फायरिंग-
हमलावरों ने मुख्तार अंसारी की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. फायरिंग के बीच मुख्तार अंसारी गाड़ी से निकला और खुद की रायफल निकालकर मोर्चा संभाल लिया. मुख्तार अंसारी भी फायरिंग करने लगा. कहा जाता है कि मुख्तार ने एक हमलावर को मार गिराया था. हालांकि हमलावर जख्मी साथी को साथ लेकर भाग गए थे. इस हमले में मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 8 लोग जख्मी हुए थे. इस हमले के बाद पूर्वांचल में तहलका मचा दिया था. कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी ने इसका बदला विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से लिया था.

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उसरी चट्टी केस में बृजेश सिंह आरोपी-
उसरी चट्टी मामले में माफिया बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था. इस मामले में 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के अलावा 15 अज्ञात लोग शामिल थे. इस मामले में मुख्तार अंसारी वादी और चश्मदीद गवाह दोनों ही था. इस मामले में साल 2019 में आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गाजीपुर की ट्रायल कोर्ट को एक साल में सुनवाई पूरी कर फैसला देने का आदेश दिया था. एक साल में सुनवाई पूरी नहीं होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 अगस्त 2022 को बृजेश सिंह को जमानत पर रिहा किया था.

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