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UP Assembly में Keshav Maurya और akhilesh yadav में तू-तू, मैं-मैं... डिप्टी सीएम के बचाव में उतरे CM Yogi

Uttar Pradesh Assembly में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच दो-दो बार बहस हुई. इस दौरान शब्दों की मर्यादा भी टूट गई. नेता प्रतिपक्ष ने आपा खो दिया और डिप्टी सीएम को तुम कहने लगे. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ.

अखिलेश और केशव में तू-तू, मैं-मैं.. डिप्टी सीएम के बचाव में उतरे सीएम योगी अखिलेश और केशव में तू-तू, मैं-मैं.. डिप्टी सीएम के बचाव में उतरे सीएम योगी
हाइलाइट्स
  • सदन में भिड़ गए अखिलेश यादव और केशव मौर्य

  • केशव मौर्य के बचाव में उतरे सीएम योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र चल रहा है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच जमकर नोकझोंक हुई. एक-दूसरे का जवाब देते-देते दोनों नेता तू-तू, मैं-मैं पर उतर गए. चलिए आपको बताते हैं कि विधानसभा में क्या कुछ हुआ.

केशव मौर्य- नेता सदन को इस बात का दर्द होगा कि सरकार में नहीं है. साल 2014 में हारने के बाद 2017 में आप लगातार अपने कामों का गुणगान और दावे करते रहते हैं. आपको शायद कोई बीमारी है. हर काम को अपना बताने लगते हैं. आप अच्छे डॉक्टर आए इलाज कराइए.

तब अखिलेश ने कहा कि आप खुद को देखिए... यहाँ (जहां सीएम बैठे थे) नही बैठ पाएंगे.

केशव मौर्य- अगर आपके यहां कोई फूट पड़ जाए तो हमसे मत कहिएगा. आप संभालिए, आपके बहुत सारे लोग हमारे संपर्क में हैं.  आप भरोसा रखिये...केशव आपको 25 साल तक सत्ता में नही आने देंगे.

अखिलेश यादव- आप लोकभवन मे कब बैठेंगे?

केशव मौर्य- लोक भवन में कमल खिल गया है.

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने आपा खो दिया और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से तुम-तड़ाक करने लगे.

केशव मौर्य- आप सत्ता में नहीं हैं और आगे आने की संभावना भी नहीं है. आप कहते हैं कि सड़क बनवाया, एक्सप्रेसवे बनवाया.. सैफई की जमीन बेच कर बनवाई.

इस पर अखिलेश यादव भड़क गए और कहा कि तुम क्या अपनी पिता की जमीन बेच कर बनवा रहे हो.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ ऐसे शब्दों के इस्तेमाल पर सदन में हंगामा मच गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को इस तरह से नहीं बोलना चाहिए. सीएम ने कहा कि आप और हम सब विकास जनता के लिए करते हैं. डिप्टी सीएम सही बोल रहे थे. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने एक घंटे से ज्यादा आपको शांतिपूर्ण तरीके से सुना. सदन में तू-तू, मैं-मैं नहीं होना चाहिए. इस भाषा को सदन के प्रोसिडिंग से हटाने की मांग करते है. बीच मे रनिंग कमेंट्री और हूटिंग नहीं होना चाहिए. दोनों के सम्मान के लिए जरूरी है कि दोनों एक दूसरे का सम्मान करें.
केशव मौर्य ने कहा कि जनता आपको लगातार नकार रही है. साल 2014, 2017, 2019 और 2022 में नकारा गया. आप घोषणा मंत्री बन गए हैं. अगर आप काम करते, योजना शुरू करते तो पूरा भी करते. आप हर योजना शुरू करते तो फिर पूरा क्यों नहीं करते.
केशव मौर्य ने कहा कि आपको दर्द है कि केशव दोबारा डिप्टी सीएम कैसे बना गए। आप पिछड़ा विरोधी हैं. मैं अगड़ा पिछड़ा नहीं मानता. लेकिन आपको दर्द है कि एक पिछड़े वर्ग का नेता दुनिया की सबसे पार्टी की सरकार में डिप्टी सीएम बन गया.

एक बार फिर केशव-अखिलेश में बहस-
एक बार फिर केशव मौर्य और अखिलेश यादव के बीच बहस हुई. अखिलेश यादव ने पूछा कि बता दीजिए कि मेरे ऊपर कोई मुकदमा हो तो बता दीजिए. केशव ने कहा- बता देंगे.

अखिलेश यादव- अध्यक्ष महोदय इन्हें इतना वक्त दीजिए कि यह अपने मुकदमें बता दें. इस पर केशव ने कहा कि मेरे ऊपर मुकदमें राष्ट्रवाद के हैं और अगर राष्ट्रवाद के लिए मुकदमें दर्ज होते हैं तो मुझे घमंड है और मैं जीवन भर करता रहूंगा. मैं आंदोलन करता था और तब मुझ पर FIR होती थी.
अखिलेश ने कहा कि केशव जी बताए कि इससे पहले क्या करते थे. तब केशव ने कहा कि मैं चाय बेचता था, अख़बार बेचता था, गरीब बाप का बेटा हूं, मेरे पिता कोई मुख्यमंत्री नहीं हैं.
इस पर अखिलेश ने कहा कि मेरे पिता मुख्यमंत्री थे, लेकिन अगर यह चाय बेचते थे तो एक हम सबको भी चाय पिलानी चाहिए.

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