scorecardresearch

नए वेरीएंट से निपटने के लिए तैयार है यूपी, कोविड कंट्रोल रूम में बढ़ाई गयी सतर्कता

अभी यूपी में नए वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है पर कोविड के मामले हैं. इसे देखते हुए तैयारी बढ़ा दी गयी है. लखनऊ में प्रदेश कंट्रोल रूम में एयर सुविधा (Air Suvidha) पोर्टल का एक्सेस दिया गया है. जिससे विदेशों से आने वाले यात्रियों की ट्रैकिंग की जा रही है. एट रिस्क देशों से आने वाले सभी यात्रियों की जांच की जा रही है. इन यात्रियों का पूरा आंकड़ा जुटाने के साथ ही जिलों पर भी नजर रखी जा रही है.

कोविड कंट्रोल रूम में बढ़ाई गयी सतर्कता कोविड कंट्रोल रूम में बढ़ाई गयी सतर्कता
हाइलाइट्स
  • कंट्रोल रूम में भी सतर्कता बढ़ाई गयी

  • विदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच, फ़ॉलो अप

  • जिलों में भी मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग

  • ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों की ली जा रही है मदद

देश के राज्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले पाए जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश में भी हालात से निपटने के लिए पहले से तैयारी और सतर्कता बरती जा रही है. हाल ही में सरकार ने नयी  गाइडलाइन (guidelines) भी जारी कर दी हैं. प्रदेश में हालात पर नज़र और मॉनिटरिंग के लिए कोविड कंट्रोल रूम में तैयारी तेज कर दी गयी है.

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच, फ़ॉलो अप
अभी यूपी में नए वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है पर कोविड के मामले हैं. इसे देखते हुए तैयारी बढ़ा दी गयी है. लखनऊ में प्रदेश कंट्रोल रूम में एयर सुविधा (Air Suvidha) पोर्टल का एक्सेस दिया गया है. जिससे विदेशों से आने वाले यात्रियों की ट्रैकिंग की जा रही है. एट रिस्क देशों से आने वाले सभी यात्रियों की जांच की जा रही है. इन यात्रियों का पूरा आंकड़ा जुटाने के साथ ही जिलों पर भी नजर रखी जा रही है. जांच के बाद इनको 7 दिन तक क्वॉरंटीन रहना ज़रूरी है. 7 दिन बाद फिर इस जिले की CMO की टीम फ़ॉलो अप करेगी. इसके बाद भी नेगेटिव रहा तो भी ध्यान रखना है. 
जबकि जिन देशों में संक्रमण नहीं है वहाँ से आने वाले 2 प्रतिशत लोगों की जांच की जा रही है. यूपी के राज्य निगरानी अधिकारी डॉ विकासेंदु अग्रवाल ने तैयारी के बारे में बताते हुए कहा कि, 'हम लोग बाहर से आने वाले यात्रियों को ट्रैक कर रहे हैं. साथ ही जिलों में मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं. जिलों के लिए ट्रेनिंग भी शुरू हो गयी है.' 

जिलों में चल रही है ट्रेनिंग
स्वास्थ्य विभाग ख़ास तौर पर जिलों में मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग करवा रहा है. इसमें Pediatric Care, Intensive Care, oxygen care, infection prevention protocol, surveillance की ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रदेश भर के आँकड़े कोविड कंट्रोल रूम में रखे जा रहे हैं, ताकि किसी भी स्थिति में एक जगह शासन को आँकड़े मिल सकें, और उसके आधार पर नीतिगत फैसला किया जा सके. सभी जिलों में पहले से कोविड कंट्रोल रूम बने हैं, जिनको पूरी तरह से एक्टिवेट किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों की मदद ली जा रही है. 

ऑक्सीजन मैनेजमेंट पर भी नज़र 
यूपी के कोविड कंट्रोल रूम में दिन रात स्टाफ कर कर रहे हैं. कोविड की दूसरी लहर के दौरान अचानक केस बढ़ने पर ख़ास तौर पर ऑक्सीजन की कमी की बात सामने आयी थी. उस वक्त कई सारे ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए गए थे. अभी यूपी में 525 ऑक्सीजन प्लांट्स फ़ंक्शनल हैं. जिलों में किस तरह की तैयारी है इस पर कुछ निर्भर करता है. जिलों के लिए सर्विलांस टीम और रेपिड रेस्पॉन्स टीम को भी तैयार किया गया है. अप्रैल 2020 में कोविड की पहली लहर के दौरान कोविड पोर्टल की शुरुआत हुई थी. मौजूदा समय में इसमें 9 करोड़ लोगों का आंकड़ा है. टेक्निकल सपोर्ट यूनिट, उत्तर प्रदेश के सहयोग से ये काम करता है.